News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफिकेशन प्रोसेस बंद ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकीं साइना 15 साल में पहली बार हिस्सा नहीं लेंगी नई दिल्ली। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने शुक्रवार को कहा कि अब टोक्यो ओलम्पिक क्वालीफिकेशन के लिए कोई भी टूर्नामेंट नहीं होगा। सभी विंडो बंद कर दी गई हैं। इसके साथ ही साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत के ओलम्पिक खेलने की उम्मीद खत्म हो गई है। 2006 में सीनियर करियर की शुरुआत करने वाली साइना पहली बार ओलम्पिक में नहीं खेलेंगी। भारत के लिए अब सिर्फ चार खिलाड़ियों को ओलम्पिक कोटा मिलने की उम्मीद है। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन का ऑफीशियल क्वालीफिकेशन पीरियड 15 जून को खत्म हो रहा है। कोरोना की वजह से बैडमिंटन को पिछले एक साल में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इस साल जनवरी में थाईलैंड ओपन और फरवरी में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन फाइनल्स के बाद उम्मीद थी कि बाकी टूर्नामेंट भी होंगे, पर कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा नहीं होने दिया। सिंगापुर ओपन कैंसिल हो गया वहीं, मलेशिया ओपन और इंडिया ओपन समेत कई बड़े टूर्नामेंट पोस्टफोन हो गए। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल थॉमस ने कहा कि अब क्वालीफाइंग प्रोसेस को बंद कर दिया गया और किसी भी खिलाड़ी को पॉइंट बढ़ाने का कोई मौका नहीं मिलेगा। हमें इस पर अब भी नेशनल ओलम्पिक कमेटी और मेंबर एसोसिएशन से बात करना है। सिंगापुर ओपन खिलाड़ियों के लिए ओलम्पिक में क्वालीफाई करने का आखिरी मौका था। इसका आयोजन 1 से 6 जून तक होना था, लेकिन कोरोना की वजह से कई देशों के बीच हवाई यात्रा पर बैन लगा हुआ है। इस वजह से बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने टूर्नामेंट को कैंसिल करने का फैसला किया। 31 साल की साइना ने भारत के लिए 2012 लंदन ओलम्पिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वे 2008 बीजिंग ओलम्पिक में क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं वहीं, 2016 ओलम्पिक में वे दूसरे राउंड में हार गई थीं। भारत के लिए ओलम्पिक में मेडल जीतने वाली पहली खिलाड़ी रहीं। भारत को ओलम्पिक के इतिहास में बैडमिंटन में दो मेडल मिले हैं। साइना के अलावा 2016 रियो ओलम्पिक में पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था। साइना ने करियर में कुल 437 मैच जीते हैं वहीं, 200 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने करियर में कुल 24 टाइटल्स जीते। उन्होंने करियर की हाईएस्ट रैंकिंग नंबर-1 पोजीशन 2015 में हासिल की थी। फिलहाल वे 19वें रैंक पर हैं। श्रीकांत ने अब तक सिर्फ एक ओलम्पिक खेला है। 2016 रियो ओलम्पिक में श्रीकांत वर्ल्ड नंबर-11 थे। वे उस वक्त के वर्ल्ड नंबर-5 जॉर्जेंसन को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। हालांकि, क्वार्टर फाइनल में उन्हें दुनिया के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ियों में शुमार लिन डैन के हाथों 6–21, 21–11 और 18–21 से हार का सामना करना पड़ा था। रैंकिंग में बदलाव नहीं होता है तो सिर्फ सिंधु, साई प्रणीत को सिंगल्स में और रैंकीरेड्डी-चिराग की जोड़ी को डबल्स में ओलम्पिक कोटा मिलेगा। यह चारों खिलाड़ी पिछले कुछ टूर्नामेंट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे।