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आईओसी द्वारा जारी नियमावली को लेकर विशेषज्ञ स्तब्ध टोक्यो। अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने टोक्यो ओलम्पिक्स खेलों के लिए जो नियमावली (प्लेबुक) जारी की है, उसमें शामिल जोखिम की जिम्मेदारी से संबंधित नियम ने खिलाड़ियों और विशेषज्ञों के कान खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि जापान में कोरोना महामारी के लगातार फैलाव के बावजूद आईओसी और टोक्यो ओलम्पिक्स के आयोजक ये खेल कराने पर अड़े हुए हैं। प्लेबुक में ‘रेस्पॉन्सिबिलिटीज एंड रिस्क्स’ शीर्षक के तहत एक नियम में कहा गया है- ‘हमें भरोसा है कि जो उपाय किए जा रहे हैं उनसे खेलों में भाग लेने से संबंधित जोखिम और प्रभाव कम हो जाएंगे। हम पूरी तरह उन उपायों के पालन के लिए आपके सहयोग पर भरोसा कर रहे हैं। लेकिन तमाम सावधानियों के बावजूद हो सकता है कि जोखिम और प्रभाव पूरी तरह खत्म न हों। इसलिए आप इन खेलों में भाग लेने के लिए अपने जोखिम पर तैयार हो रहे हैं।’ जानकारों के मुताबिक अभी ये साफ नहीं किया गया है कि सभी खिलाड़ियों से इस प्लेबुक पर दस्तखत कराए जाएंगे या ऐसा कानूनी प्रावधान किया जाएगा, जिससे टोक्यो ओलम्पिक्स में आ रहे सभी खिलाड़ियों पर ये अपने-आप लागू हो जाएगा। लेकिन इस प्लेबुक की कई हलकों में आलोचना शुरू हो गई है। खिलाड़ियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली संस्था वर्ल्ड प्लेयर्स यूनाइटेड (डब्ल्यूपीयू) ने टोक्यो ओलम्पिक्स के आयोजकों से कहा है कि ऐसा नियम लागू करने के बजाय उन्हें यहां आ रहे सभी खिलाड़ियों का बीमा कराना चाहिए। संक्रामक रोग विशेषज्ञ पहले से इन खेलों के आयोजन से जुड़े खतरों की तरफ इशारा करते रहे हैँ। अब इसके खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के मशहूर विशेषज्ञ माइक टूल ने भी आवाज उठाई है। उन्होंने सवाल किया- जिन गरीब देशों में टीकाकरण नहीं हुआ है, वहां के खिलाड़ी टोक्यो आएंगे, तब उन्हें यहां टीका लगाया जाएगा। ऐसे में उनके यहां संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा। ऐसे में ये संभव है कि कुछ खिलाड़ी यहां संक्रमित हों और संक्रमण लेकर अपने देश लौटें। कुछ जानकारों ने सवाल उठाया कि अगर फुटबॉल या हॉकी जैसे किसी टीम स्पोर्ट्स का कोई खिलाड़ी स्वस्थ हाल में टोक्यो आता है, लेकिन यहां वह संक्रमित हो जाता है, तो उसमें लक्षण उभरने में कई दिन लगेंगे। अगर ऐसी टीम सेमीफाइनल में पहुंचती है और तब तक खिलाड़ी या कई खिलाड़ियों में लक्षण उभर जाते हैं, तो क्या आयोजक सेमीफाइन स्थगित या रद्द करेंगे? आलोचकों ने कहा है कि ये तमाम संभावनाएं वास्तविक हैं और अब ऊपर से संक्रमण से अपने बचाव की जिम्मेदारी भी आईओसी खिलाड़ियों पर ही डालना चाहती है। उन्होंने ध्यान दिलाया है कि प्लेबुक के इंट्रोडक्शन (शुरुआती) चैप्टर में आईओसी, जापान सरकार और टोक्यो ओलम्पिक्स के आयोजकों को यहां आने वाले खिलाड़ियों, कोच, अधिकारियों या पत्रकारों के संक्रमित होने संबंधी किसी भी जिम्मेदारी से मुक्त करने का प्रावधान शामिल किया गया है। माइक टूल ने हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा- ‘ओलम्पिक्स में आने वाले खिलाड़ी युवा हैं। वे उत्साहित हैं कि उन्हें जीवन में एक ही बार मिलने वाला तजुर्बा यहां मिलेगा। इसलिए उनसे जो कहा जाएगा, वे करेंगे। लेकिन जिम्मेदारियों के प्रावधान पर उनसे दस्तखत कराना गंभीर मामला है। खासकर ये बात गरीब देशों के खिलाड़ियों के लिए सच है, जहां की सरकारों के पास हो सकता है कि उन खिलाड़ियों की बाद में देखभाल करने के संसाधन न हों।’