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यदि निर्दोष हैं तो भागने की क्या जरूरत खेलपथ संवाद नई दिल्ली। दो बार के ओलम्पिक पदकधारी पहलवान सुशील कुमार लुका-छिपी का खेल खेल रहे हैं। अभी तक किसी ने भी सुशील कुमार को हाजिर करने का आह्वान नहीं किया है। दूसरी तरफ सुशील कुमार यदि वाकई निर्दोष हैं तो उन्हें पुलिस के सामने आकर सफाई देनी चाहिए। पहलवान सागर धनखड़ के मामले में फिलवक्त सुशील कुमार की खेल जगत में थू-थू हो रही है। छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में फरार चल रहे ओलम्पिक पदकधारी सुशील कुमार मेरठ में देखे गए। उनकी तस्वीर पुलिस के हाथ लगी है। सुशील पर पुलिस ने एक लाख का ईनाम घोषित कर रखा है वहीं मंगलवार को रोहिणी कोर्ट ने सुशील की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। दिल्ली पुलिस को जो फोटो मिली है, वह मेरठ टोल की है। इसमें सुशील कुमार एक शख्स के साथ कार में बैठे दिखाई दे रहे हैं। पुलिस के अनुसार यह फोटो घटना के बाद 6 मई की है। दिल्ली पुलिस इस तस्वीर के आधार पर उस कार की तलाश कर रही है ताकि पता चल सके कि इस समय सुशील कुमार कहां छिपे हैं। पुलिस उस शख्स की भी पहचान करने की कोशिश कर रही है, जो सुशील कुमार के साथ ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ है। पुलिस को शक है कि ड्राइविंग सीट पर बैठा व्यक्ति ही सुशील कुमार को पुलिस से छुपने में मदद कर रहा है। स्पेशल सेल क्राइम ब्रांच के अलावा दिल्ली पुलिस की कई टीमें सुशील की तलाश में जुटी है। पुलिस के मुताबिक, 4 मई को रात 1.15 से 1.30 के बीच छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में पहलवानों के दो गुटों में झड़प हुई थी। इस दौरान फायरिंग भी हुई। इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए। इनमें सागर (23), सोनू (37), अमित कुमार (27) और दो अन्य पहलवान शामिल थे। सागर ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ था। सागर और उसके दोस्त जिस घर में रहते थे, सुशील उसे खाली करने का दबाव बना रहे थे। पुलिस को घटनास्थल से 5 गाड़ियों के अलावा एक लोडेड डबल बैरल गन और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वे सुशील कुमार की भूमिका की जांच कर रहे, क्योंकि उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने सुशील और अन्य आरोपी की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी भी की। लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद भी सुशील इस मामले में पुलिस का साथ देने के लिए सामने नहीं आए। इस कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने फरार चल रहे सुशील और उनके पीए अजय के ऊपर ईनाम की घोषणा भी की। सुशील की गिरफ्तारी में मदद करने वाले को एक लाख रुपए का ईनाम दिया जाएगा वहीं, अजय को गिरफ्तार करवाने वाले को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इनके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। आरोपियों की तलाश में दिल्ली पुलिस छापेमारी भी कर रही है। घटना के एक दिन बाद सुशील ने मामले पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि वह हमारे साथी पहलवान नहीं थे। हमने ही पुलिस अधिकारियों को सूचित किया था कि कुछ अज्ञात लोग हमारे परिसर में घुसकर झगड़ा कर रहे हैं। सुशील ने 2012 के लंदन ओलम्पिक में रजत पदक तथा बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता था।