News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
मुम्बई में दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच होगा मुकाबला मुम्बई। इंडियन प्रीमियर लीग के दूसरे मुकाबले में आज तीन बार की चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स और पिछले साल की फाइनलिस्ट दिल्ली कैपिटल्स की भिड़ंत होगी। इसे दोनों टीमों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और ऋषभ पंत के बीच की टक्कर के तौर पर भी देखा जा रहा है। हमेशा धोनी को अपना आदर्श कहने वाले पंत के सामने कप्तानी के मोर्चे पर खुद को साबित करने की चुनौती होगी। साथ ही उन्हें यह भी दिखाना होगा कि कप्तानी के दबाव के बीच भी वे अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं। दूसरी ओर चेन्नई की टीम के सामने मुख्य समस्या यह है कि मोइन अली के अलावा उसके अन्य शीर्ष बल्लेबाजों ने हाल-फिलहाल न के बराबर मैच खेले हैं। इससे उन्हें लय हासिल करने में वक्त लग सकता है। इस मैच में दिल्ली के तीन प्रमुख गेंदबाज प्लेइंग-11 से बाहर रहेंगे। तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा और एनरिच नॉर्किया अभी क्वारैंटाइन होने के कारण इस मैच में नहीं खेलेंगे। दोनों साउथ अफ्रीका से आए हैं और नियम के मुताबिक उन्हें 7 दिनों तक आइसोलेशन में रहना है। वहीं, अक्षर पटेल हाल ही में कोरोना संक्रमित हुए थे। लिहाजा उनका खेलना संदिग्ध है। इसी तरह चेन्नई के तेज गेंदबाज लुनगी एनगिडी भी इस मैच में नहीं खेलेंगे। एनगिडी भी रबाडा और नॉर्किया के साथ ही भारत आए हैं। मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में होगा। 2019 में यहां सात मैच खेले गए थे। इनमें से 6 बार पहले बैटिंग करने वाली टीम ने 160 रन से ऊपर का स्कोर बनाया था। 3 बार तो 185 से ऊपर का स्कोर बना। चेन्नई की टीम अपने होम ग्राउंड (चेपक स्टेडियम) पर स्पिन फ्रेंडली पिच बनाती थी और उसकी रणनीति संभलकर खेलते हुए 150-160 रन पहुंचने की होती थी। वानखेड़े में यह रणनीति टीम पर भारी पड़ सकती है। दूसरी ओर दिल्ली कैपिटल्स अधिक आक्रामक अंदाज में खेलती है और यहां की पिच उसके खिलाड़ियों के बैटिंग स्टाइल के अधिक अनुकूल हो सकती है। क्या टॉस बनेगा बॉस? मुंबई में मैच के दौरान आसमान साफ रहने का अनुमान है। तापमान 28 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। पिच एक बार फिर बल्लेबाजों की मददगार हो सकती है। 2019 में यहां सात मैचों में से 4 में बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती है। 2 में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को जीत मिली। एक मैच टाई रहा था। इस आधार पर देखा जाए तो टॉस जीतने वाली टीम पहले फील्डिंग का फैसला कर सकती है। हालिया रिकॉर्ड दिल्ली के पक्ष में दिल्ली और चेन्नई के बीच अब तक हुए 23 मुकाबलों की बात करें तो चेन्नई का पलड़ा भारी है। चेन्नई ने 15 मैच जीते हैं। वहीं, दिल्ली की टीम 8 मैच ही जीत सकी है, लेकिन पिछले सीजन में दिल्ली ने दोनों भिड़ंत में चेन्नई को हराया था। 2020 में पहले मैच में दिल्ली ने चेन्नई को 44 रन से और दूसरे मुकाबले में 5 विकेट से हराया था।