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नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) के नए प्रमुख शब्बीर हुसैन शेखदम खंडवावाला नहीं चाहते कि भारत में सट्टेबाजी को वैध किया जाए क्योंकि इससे मैच फिक्सिंग को बढ़ावा मिलेगा और उनका मानना है कि उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती छोटी लीग से ‘संदेहात्मक गतिविधियों’ को खत्म करना है। कुछ लोगों का मानना है कि सट्टेबाजी को वैध करने से सरकार को भारी भरकम राजस्व मिलेगा लेकिन खंडवावाला इसे दूसरे तरीके से देखते हैं। खंडवावाला ने पीटीआई से कहा, ‘सरकार सट्टेबाजी को वैध करे या नहीं, यह अलग मामला है लेकिन एक पुलिस अधिकारी के नाते मेरा मानना है कि सट्टेबाजी से मैच फिक्सिंग को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने अब तक सट्टेबाजी को वैध नहीं करके सही किया है।’ इस 70 वर्षीय पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘सट्टेबाजी मैच फिक्सिंग को बढ़ावा देती है। इसलिए इसमें कोई बदलाव नहीं होना चाहिए, हम नियमों को और अधिक कड़ा बना सकते हैं। हम इस पर काम करेंगे। यह काफी प्रतिष्ठा की बात है कि क्रिकेट अधिकांश रूप से भ्रष्टाचार से मुक्त है। इसके लिए बीसीसीआई को श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए।’ बीसीसीआई एसीयू के निवर्तमान प्रमुख अजित सिंह के अनुसार हालांकि सट्टेबाजी को वैध करना खेल में भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने का एक अन्य तरीका है। केंद्रीय मंत्री और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने भी पिछले साल खेलों में सट्टेबाजी को वैध करने का सुझाव दिया था।