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बनाया रिकॉर्ड, गाइड को समस्या होने पर किया गया रेस्क्यू हिसार। हिसार के गांव मलापुर निवासी पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर 24 घंटे बिताने का रिकॉर्ड बना लिया है। खिलेरी सकुशल बेस कैंप पहुंच गए हैं। उनके साथ विद्युत नगर निवासी पर्वतारोही अनु यादव भी हैं। दोनों 28 मार्च को हिसार पहुंचेंगे। यहां पहुंचने पर जगह-जगह उनका स्वागत किया जाएगा। रोहताश ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो भी पोस्ट किया है। इस वीडियो में रोहताश कह रहे हैं कि मैं सही सलामत नीचे पहुंच चुका हूं। मैंने 24 घंटे रुककर भारतीय तिरंगे का प्रतिनिधित्व किया है। गाइड को समस्या होने की वजह से उनका रेस्क्यू करना पड़ा। इसलिए पहले मैं आपको अपडेट नहीं कर पाया। दुआएं करने के लिए आप सबका धन्यवाद। जैसे ही तबीयत ठीक होगी, फिर आप सबसे रू-ब-रू होऊंगा। अनु के पिता ओमबीर यादव ने बताया कि बुधवार को उनकी बेटी से बातचीत हुई थी। रोहताश और अनु बेस कैंप में हैं। दोनों स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि अफ्रीका से 26 मार्च को फ्लाइट से रवाना होंगे। 27 रात को वह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच जाएंगे। 28 मार्च को सुबह हिसार के लिए रवाना होंगे। यहां पहुंचने पर उनका भव्य जुलूस निकाला जाएगा। अनु फतेहाबाद के बुवान गांव की निवासी है। लंबे समय से हिसार विद्युत नगर में अपने परिवार के साथ रह रही हैं। पिता ओमबीर विद्युत नगर में कार्यरत हैं। किलिमंजारो की चोटी फतह कर लौट चुकी थीं अनु रोहताश और अनु अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करने के लिए एक साथ रवाना हुए थे। दोनों ने चोटी फतह कर ली। उसके बाद अनु वापस बेस कैंप में आ गईं, लेकिन रोहताश चोटी पर 24 घंटे रुकने का रिकॉर्ड बनाने के लिए वहीं रुक गए। 24 घंटे बिताने के बाद रोहताश को सोमवार रात तक नीचे उतरना था, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पाया। उसके बाद उन्हें ढूंढ़ने के लिए रेस्क्यू टीम रवाना हुई। बुधवार को खिलेरी ने अपनी वीडियो वायरल की और कहा कि वह सही सलामत नीचे पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि रोहताश अब तक कई चोटियों को फतह कर चुके हैं।