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फाइनल में पराजय के बाद कर ली आत्महत्या हारने वाला एक दिन जीतता भी जरूर है नई दिल्ली। पहलवान रितिका फोगाट ने 17 मार्च को सुसाइड कर लिया। बताया जा रहा है कि राजस्थान में हुए रेसलिंग टूर्नामेंट में मिली हार के बाद उन्होंने ये कदम उठाया। 14 मार्च को भरतपुर में एक रेसलिंग टूर्नामेंट का फाइनल था। इसमें एक प्वाइंट से रितिका हार गईं। इस हार से वो बेहद निराश थीं। रितिका फोगाट मशहूर रेसलर गीता फोगाट और बबिता फोगाट की ममेरी बहन थीं। रितिका फोगाट ने द्रोणाचार्य अवॉर्ड से नवाजे गए महावीर सिंह फोगाट के अंडर ट्रेनिंग ली थी। बबिता फोगाट ने अपनी बहन के खुदकुशी करने के बाद ट्विटर पर लिखा," भगवान रितिका की आत्मा को शांति दे। यह समय पूरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है। आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। हार और जीत दोनों जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। हारने वाला एक दिन जीतता भी जरूर है। संघर्ष ही सफलता की कुंजी है संघर्षों से घबराकर ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। रितु फोगाट ने रितिका के सुसाइड करने के बाद ट्विटर पर अपनी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने रितिका लिखा, 'छोटी बहन रितिका की आत्मा को शांति मिले। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ, हमेशा तुम्हारी कमी खलेगी। ऊँ शांति।' रितु ने एक और पोस्ट करते हुए लिखा कि मुझे आज सुबह से मैसेज आ रहे हैं। मेरे परिवार में जो हुआ, उससे मैं बहुत दुखी और परेशान हूं। मैं लोगों से कहना चाहती हूं कि किसी अफवाह पर विश्वास नहीं करें और न ही इसका फैलाव करें व जिम्मेदारी से काम करें। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए कड़ा समय है और मैं आप सभी से हमारी निजता की गुजारिश करती हूं। आप सभी के प्यार समर्थन और समझने का शुक्रिया। गीता फोगाट ने भी अपनी ममेरी बहन के सुसाइड करने के बाद लिखा कि भगवान मेरी छोटी बहन मेरे मामा की लड़की रितिका की आत्मा को शांति दे। मेरे परिवार के लिए बहुत ही दुख की घड़ी है। रितिका बहुत ही होनहार पहलवान थी पता नहीं क्यों उसने ऐसा कदम उठाया। हार-जीत खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा होता है हमें ऐसा कोई क़दम नहीं उठाना चाहिए। रितिका फोगाट महज 17 साल की थीं। उनका जन्म राजस्थान के झुंझुनू में 25 मार्च 2004 को हुआ था। रीतिका फोगाट भी अपनी ममेरी बहनों, बबीता फोगाट और गीता फोगाट की तरह मशहूर रेसलर बनना चाहती थीं और इसके लिए ट्रेनिंग भी ले रही थीं। रितिका पिछले पांच साल से पहलवान महाबीर फोगट की एकेडमी में प्रशिक्षण ले रही थीं। लेकिन एक मैच में मिली हार की वजह से रितिका ने जान दे दी। 14 मार्च को उनका मैच देखने के लिए महाबीर फोगट भी मौजूद थे।