News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
पिता ने कहा था कि मुक्केबाजी महिलाओं का खेल नहीं खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। भारतीय महिला मुक्केबाज निखत जरीन ने बताया कि अपने जीवन में उन्होंने कई अड़चनों को पार किया है, जिसमें उनके पिता का विरोध भी शामिल है, जिन्होंने एक बार उनसे कहा था कि मुक्केबाजी महिलाओं के लिए नहीं है। जरीन ने कहा कि इन शब्दों ने उन्हें चुनौती दी और वह अपने पिता को गलत साबित करना चाहती थीं और करके दिखाया भी। जरीन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी और कई अड़चनों से उबरना पड़ा जिसमें ये शब्द भी शामिल हैं कि मुक्केबाजी महिलाओं के लिए नहीं है।उन्होंने कहा, 'मुझे लोगों को बोलना पड़ा कि मेरे चेहरे को कुछ नहीं होगा और मेरी सुंदरता बरकरार रहेगी।' उन्होंने कहा, 'मैं अब भी अपने पिता की आवाज को अपने सिर में गूंजते हुए महसूस कर सकती हूं कि मुक्केबाजी महिलाओं के लिए नहीं है, समाज क्या सोचेगा और यह पुरुषों का खेल है।' पूर्व विश्व जूनियर मुक्केबाजी चैम्पियन जरीन ने कहा कि उनके पिता के शब्दों ने उन्हें मुक्केबाजी में करियर बनाने के लिए उकसाया। जरीन ने कहा, 'ये शब्द मुझे चुनौती देते हैं और मैं यह साबित करने के लिए रिंग में उतरना चाहती थी कि मुक्केबाजी को इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप महिला हो या पुरुष। यह इच्छा और महत्वाकांक्षा है जो मायने रखती है। मुक्केबाजी मेरे लिए रवैये और गौरव से जुड़ा है।' इस मौके पर जरीन के साथ दिग्गज स्क्वाश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल और पूर्व मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर भी मौजूद थीं।