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दोहा में ओलम्पिक टिकट हासिल करना होगा मुश्किल नई दिल्ली। गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल और जकार्ता एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद अचंत शरत कमल और मनिका बत्रा की जोड़ी टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने की दावेदार मानी जा रही है। टेबल टेनिस महासंघ ने इस जोड़ी से काफी उम्मीदें लगा रखी हैं, लेकिन पिछले एक साल से दोनों साथ नहीं खेल रहे हैं जो दोहा में होने वाले विश्व ओलम्पिक क्वालिफायर में उनके प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। दोनों सोनीपत में लगे शिविर में एक साथ नहीं रहे। शरत साफ करते हैं कि उन्हें उम्मीद है क्वालीफायर से पहले दोहा में उन्हें मनिका के साथ प्रैक्टिस का मौका मिलेगा। वह उनके साथ ओलंपिक टिकट हासिल करने की पूरी कोशिश करेंगे। राष्ट्रीय चैंपियनशिप से पहले महासंघ ने क्वालिफायर की तैयारियों के लिए सोनीपत में दो फरवरी से पैडलरों का शिविर प्रस्तावित किया, लेकिन एकांतवास की अवधि सात दिन होने के कारण नहीं लगा। इससे पहले सोनीपत में क्वालिफायर की तैयारियों का जो शिविर लगा उसमें शरत तो आए, लेकिन मनिका ने पुणे में तैयारियां की। इसके चलते दोनों मिश्रित युगल के एक-साथ प्रैक्टिस नहीं कर पाए। दिसम्बर में एक सप्ताह के लिए मनिका जरूर शरत के साथ प्रैक्टिस करने चेन्नई गईं। विश्व क्वालिफायर में 16 मिश्रित युगल की टीमें खेलेंगी। पहले दस स्थान पर रहने वाली टीमों को ओलंपिक टिकट मिलेगा। ऐसे में दोनों का यहां क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाना जरूरी है। महासंघ के एक पदाधिकारी भी मानते हैं कि दोनों के साथ नहीं खेलने का फर्क पड़ेगा, लेकिन दोनों अनुभवी हैं दोहा में जो मौका मिलेगा वे उसका फायदा उठा सकते हैं।