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हरियाणा के मंत्री से भी ले चुकी हैं पंगा खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। उदीयमान निशानेबाज मनु भाकर न केवल सटीक निशाने लगती हैं बल्कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से भी नहीं हिचकतीं। भारत की स्टार युवा निशानेबाज मनु भाकर एक बार फिर से चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने एयरपोर्ट पर फ्लाइट में चढ़ने से रोके जाने पर शिकायत की। हरियाणा की 19 वर्षीय महिला निशानेबाज ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक शिकायत भरी पोस्ट डाली थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा। उन्हें एयर इंडिया के फ्लाइट में चढ़ने से रोका गया और उनसे 10,200 रुपये मांगे गए। मनु की इस शिकायत पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने तुरंत संज्ञान लिया और उनकी मदद की। खेल मंत्री के दखल के बाद उन्हें फ्लाइट में चढ़ने दिया गया। इसके कुछ देर बाद ही मनु ने ट्वीट कर खेल मंत्री का शुक्रिया अदा किया, जिसके जवाब में रिजिजू ने लिखा, मनु भाकर आप भारत की शान हैं।' यह पहली बार नहीं है जब इस युवा निशानेबाज ने अधिकारियों की शिकायत की हो, इससे पहले भी वह कई बार अपना विरोध जता चुकी हैं। एक बार तो वह हरियाणा के मंत्री अनिल विज से ही भिड़ गई थीं। देश की नम्बर एक और दुनिया में दूसरी रैंकिंग वाली निशानेबाज ने इससे पहले अपनी इनामी राशि को लेकर हरियाणा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। दरअसल यूथ ओलम्पिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार ने उन्हें दो करोड़ रुपए का इनाम देने का वादा किया था। इसके बाद मनु ने जनवरी 2019 में हरियाणा सरकार के खिलाफ ट्वीट करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य सरकार उन्हें ईनाम देने का वादा भूल चुकी है और उसे पूरा नहीं कर पाई है। इसके बाद इसे लेकर उनके और हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज के बीच लम्बी बहस चली थी। अनिल विज ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि मनु भाकर को पहले इस बारे में विभाग से बात करनी चाहिए थी। मैंने और विभाग के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि उन्हें दो करोड़ का ईनाम मिलेगा। उन्हें इस तरह से इस मामले को बिना सोचे समझे सार्वजनिक तौर पर नहीं लाना चाहिए था। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में जन्मीं मनु भाकर पहली बार सुर्खियों में तब आई थीं जब 2018 के आईएसएसएफ वर्ल्डकप में उन्होंने एक साथ दो गोल्ड मेडल जीते थे। इसके बाद उन्होंने यूथ ओलम्पिक गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीतकर भारत को ओलम्पिक में पदक की उम्मीद जगा दी।