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वेटरंस इंडिया को मिला 53 देशों और 50 लाख से अधिक देशभक्तों का प्यार
कान्ती प्रसाद गुप्ता
मथुरा। कहते हैं यदि इंसान मन में ठान ले तो कोई काम असम्भव नहीं है। देश में हजारों स्वैच्छिक संस्थाएं राष्ट्र के समुन्नत विकास में किसी न किसी तरह से अपना योगदान दे रही हैं। इसी कड़ी में गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर वेटरंस इंडिया स्पोर्ट्स विंग ने राष्ट्रभक्ति को खेलशक्ति से जोड़ने का अनूठा प्रयास किया। देशभक्ति दौड़ को 53 देशों के 50 लाख से अधिक खेलप्रेमियों का खेल-खेल में जो प्यार मिला, वह इतिहास बन गया। इस आयोजन को लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में जगह मिलने की पूरी सम्भावना है।
इस साल वेटरंस इंडिया के स्पोर्ट्स विंग ने राष्ट्रभक्ति को खेलशक्ति से जोड़ने की जो अनूठी पहल की उसे भारत सहित 53 देशों का सहयोग मिला। खेलों के नजरिए से देखें तो ओलम्पिक और राष्ट्रमंडल खेलों में ही सबसे अधिक देश सहभागिता करते हैं लेकिन वेटरंस इंडिया ने अपने प्रयासों से हिन्दुस्तान ही नहीं उससे बाहर भी खेल क्रांति का जो बिगुल गणतंत्र दिवस को फूंका वह इतिहास बन गया। वेटरंस इंडिया के राष्ट्रभक्ति को खेलशक्ति से जोड़ने के प्रयासों को सिर्फ भारत ही नहीं 52 अन्य देशों के भारतीयों ने भी भरपूर सहयोग दिया। यह दुनिया का पहला ऐसा आयोजन है जिसमें 50 लाख से अधिक लोगों ने सहभागिता की।
इस महती आयोजन पर वेटरंस इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिनय कुमार मिश्रा का कहना है कि वेटरन्स इंडिया पैट्रिओटिक रन (देशभक्ति की दौड़) की सफलता का श्रेय पूरे संगठन के सदस्यों एवं उन सभी देशभक्तों को जाता है जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से इस आयोजन का समर्थन किया है। राष्ट्रीय महासचिव डा. अशोक कुमार लेंका का कहना है कि यह अनूठा आयोजन सभी के प्रयासों से ही सम्भव हो सका है। इस सफल आयोजन का श्रेय खेलो इंडिया, भारतीय खेल मंत्रालय, भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, एथलीट अंजू बाबी जार्ज, दीपा मलिक, जफर इकबाल सहित सैकड़ों नामचीन खेल शख्सियतों के संदेशों तथा संगठन से जुड़े हजारों कर्मठ लोगों की दिन-रात की मेहनत को जाता है।
संगठन के अन्य पदाधिकारियों डा. प्रेम चंद्र कश्यप, समीक्ष्य दास नंदा, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीप्रकाश शुक्ला का कहना है कि राष्ट्रवाद और देशभक्ति-खेलशक्ति की सोच को जन-जन तक पहुंचाने में 53 देशों के खेलप्रेमियों का जो सहयोग और प्रोत्साहन मिला, उसके लिए वेटरंस इंडिया संस्था सभी का दिल से आभार मानती है। ज्ञातव्य है कि वेटरंस इंडिया के प्रयासों से पैट्रिओटिक रन यानि देशभक्ति की दौड़ देश के छह हजार सत्तावन जगहों पर आयोजित हुई जिसमें देश के सभी राज्यों के 50 लाख से अधिक बच्चों, युवाओं और उम्रदराज खेलप्रेमियों ने हिस्सा लिया।