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खेल मंत्रालय से मिली मान्यता, अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने कहा मनोबल बढ़ाने वाली पहल खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। भारतीय तीरंदाजी संघ का आठ साल का वनवास समाप्त हो गया। बुधवार को खेल मंत्रालय से मान्यता मिलने के बाद संगठन में हर्ष की लहर दौड़ गई है। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के अनुरूप चुनाव नहीं कराने के कारण भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द की गई थी। एएआई के चुनाव इस साल जनवरी में हुए जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पैनल ने बहुमत हासिल कर अपनी दावेदारी साबित कर दी। बुधवार 25 नवम्बर को खेल मंत्रालय के उप सचिव एसपीएस तोमर ने एएआई अध्यक्ष और महासचिव को लिखे पत्र में कहा, 'यह स्पष्ट है कि सरकारी दिशा निर्देशों के पालन को लेकन मंत्रालय की चिंताओं का एएआई ने निवारण कर दिया है, इसके साथ ही एएआई की मान्यता बहाल करने का फैसला लिया गया है जो एक साल तक वैध रहेगी। अध्यक्ष अर्जुन मुंडा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारत की ओलम्पिक तैयारी मजबूत होगी। उन्होंने कहा, 'भारतीय तीरंदाजी संघ का अध्यक्ष होने के नाते मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि तीरंदाजी संघ को खेल मंत्रालय से मान्यता मिल गई है।' उन्होंने कहा, टोक्यो ओलम्पिक निकट है और खेल मंत्रालय का यह कदम सराहनीय है। इससे समूचे तीरंदाजी समुदाय का मनोबल बढ़ेगा। महासंघ के महासचिव प्रमोद चंदूरकर ने कहा कि इससे टोक्यो ओलम्पिक से पहले एएआई का मनोबल बढेगा। उन्होंने कहा,'अब हम स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं और अपने फैसले खुद ले सकते हैं। सरकार से वित्तीय मदद मिलेगी और प्रायोजक जुटाना आसान होगा। इससे तीरंदाजों का मनोबल भी बढ़ेगा और वे ओलम्पिक तैयारियों पर फोकस कर सकेंगे।' भारतीय तीरंदाजी संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में इन दिनों जमशेदपुर में तीरंदाज ओलम्पिक ट्रायल के दौर से गुजर रहे हैं।