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अपनी तरह का है अनोखा मामला खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। खिलाड़ियों का प्रतिबंधित दवाओं के सेवन से वाडा और नाडा को चकमा देना अब आसान नहीं रह गया है। ऐसे ही मामले में डेढ़ साल की मशक्कत के बाद देश की नेशनल चैम्पियन हैमर थ्रोअर को डोप पॉजिटिव घोषित किया गया है। बीते वर्ष मार्च में पटियाला में हुए फेडरेशन कप में हैमर थ्रो का स्वर्ण जीतने के बाद एथलीट अनीता के सैंपल की जांच फिल्हाल प्रतिबंधित एनडीटीएल में की गई थी, जिसमें उन्हें पाक-साफ करार दिया गया, लेकिन विदेश में बैठी एथलीट पासपोर्ट मैनेजमेंट यूनिट (एपीएमयू) ने उनका स्टेरॉयडियल पासपोर्ट देखने के बाद आधुनिक टेस्ट कराने को कहा। अनीता के इसी सैंपल को दोहा लैब में आईआरएमएस टेस्ट किया गया। एपीएमयू का शक ठीक निकला और अनीता के इस सैंपल में टेस्टोस्टोरॉन का स्तर अधिक पाया गया। इसके बाद उन्हें डोप पॉजिटिव घोषित कर दिया गया। उन पर नाडा ने अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया है। यह अपनी तरह का बेहद अनोखा मामला है, जिसने यह साबित कर दिया कि एथलीट जितनी भी चतुराई दिखाए उसे पकड़ा जरूर जा सकता है। अनीता ने फेडरेशन कप में 59.43 मीटर हैमर फेंक स्वर्ण पदक जीता था। इसी दौरान उनका यूरिन सैंपल लिया गया था। इस सैंपल को एनडीटीएल भेजा गया था। तब लैब प्रतिबंधित नहीं थी। एपीएमयू ने एनडीटीएल की ओर से किए गए अनीता के सैंपल की रिपोर्ट देखने के बाद और उनका स्टीरॉयडियल पासपोर्ट (शरीर में टेस्टोस्टोरॉन के स्तर की समीक्षा करने वाला रिकार्ड) की समीक्षा के बाद नाडा को आधुनिक आईआरएमस टेस्ट कराने को कहा। यह वही आईआरएमएस टेस्ट जिसमें पाई गई अनियमितताओं के चलते एनडीटीएल को प्रतिबंधित किया गया है।