Visit Website
Logout
Welcome
Logout
Dashboard
Social Links
Advertisment
Add / Edit Category
Add News
All News
Newspaper
Book
Videos
Bottom Marquee
About
Sampadika
Contact
Change Password
Dashboard
News Edit
Edit News Here
News Title :
News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
News Image:
Category:
अपनी बात
शख्सियत
साक्षात्कार
आयोजन
मैदानों से
ग्वालियर
राज्यों से
क्रिकेट
स्लाइडर
प्रतिभा
अंतरराष्ट्रीय
शिक्षा
Description:
74 खिलाड़ी सम्मानित
नयी दिल्ली।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना के कारण ऑनलाइन आयोजित किये गये समारोह में शानदार प्रदर्शन करने वाले देश के खिलाड़यों को सालाना राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जो कई शहरों से ‘लाग इन' हुए। इस साल 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये चुना गया, जिसमें 5 को खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। इनमें से 60 खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण के 11 केंद्रों से वर्चुअल समारोह में हिस्सा लिया।
क्रिकेटर रोहित शर्मा (खेल रत्न) और इशांत शर्मा (अर्जुन पुरस्कार) समारोह में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे इंडियन प्रीमियर लीग की प्रतिबद्धता के लिये संयुक्त अरब अमीरात में हैं, जबकि स्टार पहलवान विनेश फोगाट (खेल रत्न) और बैडमिंटन खिलाड़ी सत्विकसाइराज रंकीरेड्डी (अर्जुन पुरस्कार) को कोविड-19 पॉजिटिव पाये जाने के बाद समारोह से हटना पड़ा। रोहित और विनेश के अलावा तीन अन्य खेल रत्न पुरस्कार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, पैरालंपिक स्वर्ण पदकधारी मरियप्पन थांगवेलु और महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल को दिये गये जिन्होंने समारोह में हिस्सा लिया।
मनिका ने पुणे से जबकि थांगवेलु और रानी ने भारतीय खेल प्राधिकरण के बंगलुरू केंद्र से ‘लॉग इन' किया। राष्ट्रपति ने भाग लेने वाले पुरस्कार विजेताओं की प्रशंसा की, जिनके नाम पुकारे गये और उनकी उपलब्धियों बतायी गयीं। हालांकि राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल की कमी महसूस हुई, जहां यह समारोह आयोजित किया जाता है। खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने समारोह शुरू होने से पहले कहा कि कोविड-19 के दौरान यह पहला पुरस्कार समारोह है जिसमें राष्ट्रपति उपस्थित हुए हैं।
पुरस्कारों में बढ़ोत्तरी
इस साल खिलाड़ियों के नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी की गयी है। आज सुबह खेल रत्न की पुरस्कार राशि को 25 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया, जो पहले 7.5 लाख रुपये थी। अर्जुन पुरस्कार हासिल करने के लिये समारोह में 22 खिलाड़ी ऑनलाइन हुए, उन्हें 15 लाख रुपये दिये गये, जो राशि पहले की तुलना में 10 लाख रुपये अधिक है। द्रोणाचार्य (आजीवन) पुरस्कारों की राशि पहले पांच लाख हुआ करती थी जिसे 15 लाख रुपये कर दिया है। वहीं नियमित द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं को 10 लाख रुपये प्रदान किये गये जो पहले पांच लाख रुपये होती थी।
ध्यानचंद्र पुरस्कार विजेताओं को पांच लाख के बजाय 10 लाख रुपये दिये गये। कोविड-19 के कड़े प्रोटोकॉल के कारण पुरस्कार के 44 साल के इतिहास में पहली बार हुआ जब विजेता, मेहमान और गणमान्य लोग दरबार हॉल में इकट्ठा नहीं हो सके। इस साल अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वालों में स्टार धाविका दुती चंद, महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, गोल्फर अदिति अशोक और पुरूष हॉकी टीम स्ट्राइकर आकाशदीप सिंह शामिल थे। द्रोणाचार्य लाइफटाइम पुरस्कार आठ कोचों को दिया गया, जिसमें तीरंदाजी कोच धर्मेंद तिवारी, नरेश कुमार (टेनिस), शिव सिंह (मुक्केबाजी) और रमेश पठानिया (हॉकी) शामिल हैं। नियमित वर्ग में हॉकी कोच ज्यूड फेलिक्स और निशानेबाजी कोच जसपाल राणा सहित पांच को द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया। शुक्रवार को एक दुखद घटना हुई जब द्रोणाचार्य (आजीवन) विजेता एथलेटिक्स कोच पुरूषोत्तम राय का दिल का दौरा पड़ने से बेंगलुरू में निधन हो गया।
ध्यानचंद पुरस्कार 15 कोचों को
इस साल ध्यानचंद पुरस्कार 15 कोचों को दिया गया है, जिसमें सुखविदंर सिंह संधू (फुटबॉल), तृप्ति मुर्गुंडे (बैडमिंटन) और नंदन बाल (टेनिस) शामिल हैं। गोल्फर अदिति अशोक और पूर्व फुटबॉलर सुखविंदर सिंह संधू इसमें हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि वे देश से बाहर हैं। केंद्रों पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया। बल्कि पुरस्कार विजेता पीपीई किट पहने दिखे। खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार प्रत्येक पुरस्कार विजेता को केंद्र में आने से पहले कोविड-19 जांच से गुजरना था।