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नयी दिल्ली। फंतासी खेल प्लेटफॉर्म ड्रीम11 ने चीनी कंपनी वीवो की जगह लगभग साढे चार महीने के करार के लिए 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किया। ड्रीम11 पहले से ही पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल के प्रायोजन से जुड़ा है। आईपीएल अध्यक्ष बृजेश पटेल ने बताया, ‘ड्रीम11 ने 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ अधिकार हासिल किया है।’
यह पता चला कि टाटा समूह ने अंतिम बोली नहीं लगाई जबकि दो शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियां बायजूस (201 करोड) और अनएकेडमी (170 करोड़) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध के कारण वीवो और बीसीसीआई ने इस सत्र के लिए प्रति वर्ष 440 करोड़ रुपये के करार को निलंबित कर दिया था।
चीनी कंपनी की हिस्सेदारी, उठे सवाल
ड्रीम11 में चीन की कंपनी टेनसेंट के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि यह हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से भी कम है और ड्रीम11 एक भारतीय कंपनी है, जिसकी स्थापना हर्ष जैन और भावित शेठ ने की है। टेनसेंट की हिस्सेदारी का प्रतिशन सिर्फ ‘एक-अंक’ में है।’ पिछले महीने हालांकि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने ड्रीम 11 के खिलाफ जांच की भी मांग की थी। आरोप था कि यह प्लेटफार्म एक नकली टी20 लीग से जुड़ा हुआ था जिसमें पंजाब के एक कस्बे में आयोजित मैच को श्रीलंका का बताकर सीधा प्रसारण किया गया था। जांच में पता चला कि खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल की गई किट पर ड्रीम11 का लोगो था।