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नयी दिल्ली। राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाली राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) द्वारा तैयार की गयी पहली ‘चोट निगरानी रिपोर्ट’ के अनुसार बीते सत्र के दौरान भारत के ज्यादातर घरेलू क्रिकेटरों को कंधे और घुटने की चोटों से जूझना पड़ा। 48 पन्ने की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2019 और मार्च 2020 तक 262 क्रिकेटर (218 पुरुष और 44 महिला) एनसीए में रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम के लिए पहुंचे।
रिपोर्ट के अनुसार 14.75 प्रतिशत (38 खिलाड़ियों) को कंधे की चोटें लगी। वहीं, 13.11 प्रतिशत (34 खिलाड़ियों) को घुटने की चोट लगी। इसके बाद टखने (11.48 प्रतिशत), जांघ (10.49 प्रतिशत) और रीढ़ की हड्डी (7.54 प्रतिशत) की चोटों का नंबर रहा। एनसीए ‘वर्चुअल लर्निंग प्लेटफार्म’ शुरू करने पर भी काम कर रहा है। एनसीए की रिपोर्ट में कोचों के ‘एजुकेशन प्रोग्राम' को भी सुधारने की बात की गयी है, ताकि इसे सीखने के लिहाज से सरल बनाया जा सके।