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खेलपथ संवाद
मुक्केबाजों को आइसोलशन में रखा गया था
नई दिल्ली।
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफार्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने पटियाला में चल रहे नेशनल कैंप में सात और मुक्केबाजों को शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ओलम्पिक के लिए क्वॉलीफाई कर चुके मुक्केबाजों के लिए इस कैंप में सब कुछ ठीक चल रहा है। नीवा ने कहा कि शिविर को फिर से सुचारू रूप से शुरू किया जा चुका है और अब इसका विस्तार किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी के बीच राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) पटियाला में फिर से कैंप शुरू करने का शुरुआती कदम उठाया गया था।
इसमें ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई कर चुके पुरुष मुक्केबाजों और कुछ महिला मुक्केबाजों को शामिल किया गया, जिसमें वर्ल्ड चैंपियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट और ओलंपिक पदक के दावेदार अमित पंघाल भी शामिल हैं। नीवा ने कहा, ‘हम अगले कुछ हफ्तों में इस सूची में सात और मुक्केबाज, दो कोच और एक सहायक सदस्य को शामिल करना चाहते हैं। इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से अनुमति मांगी गई है। यहां जो मुक्केबाज हैं, वे सख्त स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत प्रशिक्षण ले रहे हैं। मैं नाम नहीं दे सकता, लेकिन जिन्हें हम शामिल करना चाहते हैं, वे अपनी संबंधित श्रेणियों की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हैं।’
कैंप की शुरुआत इस महीने के पहले सप्ताह में हुई थी। इसके लिए पटियाला आए मुक्केबाजों को आइसोलशन में रखा गया था और जांच के बाद उन्हें एनआईएस में जाने की अनुमति दी गई। इस बीच विकास कृष्णा और सतीश कुमार द्वारा अनजाने में पृथकवास तोड़ने के मामले से विवाद भी हुआ। दोनों मुक्केबाज इसके बाद बेंगलूरू स्थित इंस्पायर इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (आईआईएस) में अभ्यास कर रहे हैं। साई से मंजूरी मिलने के बाद भी यात्रा जोखिम को देखते हुए वे वहीं रूके हुए हैं।
नीवा ने कहा, ‘हम अभ्यास में आम तौर पर जो करते थे, वर्तमान में उसके 70 प्रतिशत चीजों को करने में सक्षम हैं । एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के तहत, हम रिंग में प्रवेश या स्पैरिंग नहीं कर सकते लेकिन रनिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और बहुत सारे (पंचिंग) बैग्स कर सकते हैं। अभी इतना ही काफी है।’ जब उनसे पूछा गया कि रिंग में नहीं जाने के कारण क्या मुक्केबाज असहज नहीं महासूस करते हैं तो उन्होंने कहा, ‘अभी तो उन्हें ऐसा नहीं लग रहा है। शायद 3-4 सप्ताह के बाद उन्हें अजीब लगने लगे लेकिन इस स्थिति में क्या कर सकते हैं। बाकी दुनिया की तरह, हमें भी परिस्थितियों के अनुकूल होना होगा।’
प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन
कैंप में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में नीवा ने कहा कि शिविर में शामिल सभी के शरीर के तापमान की रोजाना जांच की जाती है और स्वच्छता प्रोटोकॉल का भी सख्ती से पालन किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘सभी ने इन छोटे-छोटे बदलाव की आदत डाल ली है। यह प्रेरित करने वाला दल है जो कुछ प्रतिबंधों के साथ भी अच्छा कर रहा है।’
अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई करने वाले नौ भारतीय मुक्केबाजों में एमसी मेरीकॉम (51 किग्रा), सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलिना बोरगोहिन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), अमित पंघाल (52 किग्रा), मनीष कौशिक (63 किग्रा), विकास (69 किग्रा) के अलावा आशीष कुमार (75 किग्रा) और सतीश (91 किग्रा से अधिक) शामिल हैं। महिला मुक्केबाजों के हाई परफॉर्मेंस निदेशक रफेल बर्गामास्को इटली से वापस आने को तैयार हैं। वह पत्नी के इलाज के लिए जून में इटली गए थे और उनकी पत्नी कैंसर से उबर गई हैं। वह वीजा मिलने का इंतजार रहे हैं।