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राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देना क्लब को कोचिंग देने से बिल्कुल
नई दिल्ली।
पूर्व भारतीय कप्तान वेंकटेश शानमुगम ने अगले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय टीम के लिए घरेलू मुख्य कोच की सेवाएं लेने के अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के विचार का समर्थन करते हुए कहा कि शीर्ष घरेलू क्लबों के साथ काम कर रहे भारतीय इस पद के संभावित दावेदार हैं। एआईएफएफ के महासचिव कुशाल दास ने हाल में कहा था कि महासंघ को उम्मीद है कि अगले पांच साल में राष्ट्रीय टीम को भारतीय कोच कोचिंग देगा।
भारत की सीनियर राष्ट्रीय टीम के मौजूदा सहायक कोच शानमुगम ने एआईएफएफ टीवी के साथ ‘लाइव चैट’ के दौरान कहा, ‘महासचिव से इस तरह की बातें सुनना काफी प्रेरणादायी और उत्साहवर्धक है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पांच साल काफी लंबा समय है। इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) और आईलीग में कई युवा कोच हैं जो अच्छा काम कर रहे हैं और मुझे लगता है कि उन्हें मौका मिल सकता है।’
शानमुगम ने हालांकि कहा कि ‘चुनौती’ के लिए तैयार रहने के लिए घरेलू कोचों में हमेशा अपनी जानकारी में इजाफा करते रहना होगा। उन्होंने कहा, ‘लेकिन यह आसान नहीं होगा और यह काफी बड़ी चुनौती है। अगर आपको कोच के रूप में सुधार करना है तो लगातार अपनी जानकारी में इजाफा करना होगा। इसका अंत यहीं नहीं होता। इस जानकारी को आप खिलाड़ियों को कैसे देते हो यह कोष को परिभाषित करता है।'
शानमुगम ने कहा, ‘हमें ध्यान रखना होगा कि राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देना क्लब को कोचिंग देने से बिलकुल अलग है। टीम को कम समय में तैयार करना बेहद महत्वपूर्ण है।’ शानमुगम ने साथ ही खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे सोशल मीडिया पर समय बिताने की जगह खेलने पर अधिक ध्यान दें। उन्होंने कहा, ‘सीनियर खिलाड़ी काफी परिपक्व हैं और उन्हें पता है कि सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना कैसे करना है। लेकिन युवा इससे प्रभावित हो सकते हैं और उन्हें इससे दूर रहना चाहिए। इससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।’