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नई दिल्ली। भारतीय दिव्यांग क्रिकेट संघ (पीसीसीएआई) इस बात को लेकर निराश है कि बार बार अपील के बावजूद बीसीसीआई ने अभी तक उन्हें अपनी छत्रछाया में नहीं लिया है। संघ ने एक बयान में कहा, 'जब सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बने थे तो कइयों को उम्मीद बंधी थी। दिव्यांग क्रिकेटरों को काफी उम्मीद थी कि कोई उनके मसले पर गौर करेगा और उनकी जिंदगी बदल जाएगी।' इसमें कहा गया, 'दिव्यांग क्रिकेटरों और दादा (गांगुली) के बीच बैठक के बाद उम्मीदें और बढ गई लेकिन अभी तक कुछ हुआ नहीं है। आशा अब निराशा में बदल गई है।' संघ ने कहा कि भारत में दिव्यांग क्रिकेटरों को पहचान नहीं मिली है। इसने कहा, 'बीसीसीआई ने दिव्यांग क्रिकेटरों के लिये कुछ नहीं किया है। यही वजह है कि नेत्रहीन, व्हीलचेयर, मूक बधिर क्रिकेट को भारत में पहचान नहीं मिल सकी है। इसे खेलने वाले खिलाड़ियों को कोई मदद नहीं मिलती।' उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के बीच दिव्यांग क्रिकेटरों की स्थिति काफी खराब हो गई है।