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नई दिल्ली। भारतीय महिला कुश्ती कोच के तौर पर अचानक बाहर किये जाने से एंड्रयू कुक काफी आहत हैं और वह अब भी उस कारण को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने क्या गलत किया। यह अमेरिकी 2019 के शुरू में राष्ट्रीय शिविर से जुड़ा लेकिन कोरोना महामारी के कारण सीटल रवाना होने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के साथ विवाद के बाद बाहर हो गया।
कुक ने सीटल से कहा, ‘जब मैं रवाना हुआ था, तब मैं काफी उत्साहित था क्योंकि हमने एशियाई चैम्पियनशिप में 8 पदक के साथ इतिहास रचा था और क्वालीफाइंग प्रतियोगिता तक पहुंचने तक काफी अच्छी लय बनायी हुई थी। फिर यह महामारी फैल गयी और पलक झपकते ही सब कुछ बदल गया। मुझे कड़वाहट झेलनी पड़ी क्योंकि मैंने ऐसे हालात के बारे में नहीं सोचा था।’
कोच ने नकारे डब्ल्यूएफआई के आरोप
डब्ल्यूएफआई ने कहा था कि कुक ने साई द्वारा आयोजित ऑनलाइन सत्र में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि कुक ने कहा कि वह सुबह 3 बजे उठकर सत्र आयोजित करने में मदद करते थे और इस दावे की साई के खुद के कोचों ने सही होने की पुष्टि की। कुक ने कहा कि वह नहीं जानते कि वह कहां गलत रहे और यह महज वेतन का मुद्दा नहीं था। डब्ल्यूएफआई सूत्रों ने कहा था कि महासंघ कोच को मोटी तनख्वाह नहीं देना चाहता था जो शिविर के लिये देश में भी नहीं था।