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नई दिल्ली। पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए कहा कि विकेटकीपर-बल्लेबाज मैच के आखिर में इस तरह से बल्लेबाजी करते थे, मानो परिणाम से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि दबाव की स्थितियों में भी धोनी परिणाम की परवाह नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि आप किसी मैच के अंत में महेंद्र सिंह धोनी को खेलते हुए देखिए, वह अपना बेस्ट देते हैं। आपको लगेगा कि मानो धोनी को परिणाम की कोई चिंता नहीं है। राहुल द्रविड़ ने 'ईएसपीएन क्रिकइनफो' के वीडियो चैट में संजय मांजरेकर से बात करते हुए कहा, ''मुझे लगता है कि आपमें यह गुण होना चाहिए या आपको खुद को इसके लिए ट्रेन करना चाहिए। यह ऐसा गुण है, जो मुझमें कभी नहीं रहा। किसी भी फैसले का परिणाम मेरे लिए अहमियत रखता था। धोनी से यह पूछा जाना चाहिए कि क्या यह उनका स्वाभाविक गुण है या इसे उन्होंने विकसित किया है।'' महेंद्र सिंह धोनी ने 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू किया था, लेकिन 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ वह अपने मूल स्वरूप में नजर आए। उन्होंने छह मैचों की सीरीज के दूसरे मैच में 148 रनों की आक्रामक पारी खेली। वह एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी (वनडे विश्व कप, टी-20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी) जीती हैं। पहली बार उन्होंने 2007 को टी-20 विश्व कप में अनुभवहीन भारतीय टीम का नेतृत्व किया और खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने वनडे की कप्तानी संभाली। टेस्ट में कप्तानी के लिए उन्हें इंतजार करना पड़ा, क्योंकि टेस्ट में अनिल कुंबले कंप्तानी कर रहे थे। अपने करियर में उन्होंने फिनिशर की छवि हासिल की। दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। इसके बाद 2017 में वनडे की कप्तानी छोड़ी, जिसे विराट कोहली ने संभाला। उम्मीद की जा रही थी कि 29 मार्च को आईपीएल में वह चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व करते नजर आएंगे, लेकिन कोविड -9 महामारी के चलते यह टूर्नामेंट अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। 38 वर्षीय धोनी अपना समय फिलहाल घर पर परिवार के साथ बिता रहे हैं। 2019 के विश्व कप में सेमीफाइनल में उन्हें अंतिम बार न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते देखा गया था।