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कोलकाता। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने कोरोना से जुड़े प्रतिबंध हटने के बाद फिर से शिविर लगाने पर अंडर-23 और सीनियर टीम के खिलाड़ियों के लिए आंखों की जांच अनिवार्य कर दी है। यह पहली बार है जब घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की आंखों की जांच को अनिवार्य किया जाएगा। इसका फैसला कैब प्रशासन और बंगाल क्रिकेट टीम की कोचिंग इकाई के बीच चर्चा के दौरान हुआ।
बैठक में यह बात उठी कि लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहने पर खिलाड़ियों की आंखों की क्षमता प्रभावित होती है। कैब के अध्यक्ष अविषेक डालमिया ने कहा, ‘आंखों की क्षमता और लचीलापन क्रिकेट में दो महत्वपूर्ण तत्व हैं। यही कारण है कि (मुख्य कोच) अरुण लाल ने सुझाव दिया कि परीक्षण अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। अगर किसी को आंखों में समस्या हुई तो हम उसका समाधान कर सकते हैं।’ भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता ने भी इसे एक स्वागत योग्य कदम बताया।