News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
राष्ट्रीय स्तर पर हैण्डबाल, बास्केटबाल और कबड्डी में छोड़ी छाप
मनीषा शुक्ला
कानपुर। अपने समय में विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय स्तर पर हैण्डबाल, बास्केटबाल तथा कबड्डी में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने वाली कानपुर की मीना शुक्ला त्रिपाठी इन दिनों स्वराज इंडिया पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं को बतौर स्पोर्ट्स टीचर अपने अनुभवों का लाभ प्रदान कर रही हैं। इनसे प्रशिक्षण और तालीम हासिल छात्र-छात्राएं जिला व राज्यस्तरीय स्कूल खेलों में अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्कूल-कालेज सिर्फ ज्ञान का मंदिर ही नहीं होते, यहां शिक्षा के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत होती है। यह काम वही कर सकता है जिसका खेलों से न केवल वास्ता रहा हो बल्कि उसमें काबिलियत भी हो। मीना शुक्ला त्रिपाठी में खेलों के प्रति न केवल समर्पण है बल्कि छात्र-छात्राओं को खेल के गुर सिखाने की प्रबल इच्छाशक्ति भी है।
मीना शुक्ला की जहां तक बात है इन्होंने केन्द्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर में अध्ययन के दौरान ही खेलों में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी। कालेज स्तर तक पहुंचते-पहुंचते इन्होंने हैण्डबाल, बास्केटबाल तथा कबड्डी में काफी दक्षता हासिल कर ली थी। इन्होंने 1983 से 1987 तक कालेज स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। टीम खेलों में हिस्सा लेने के चलते इन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसकी कि वह हकदार थीं। ए.ए.एफ.आई. से क्वालीफाइड मीना शुक्ला कहती हैं कि अनुशासन और चरित्र निर्माण में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
खेल ही एक ऐसा माध्यम हैं, जिनसे जीवन में श्रेष्ठता हासिल की जा सकती है। स्वस्थ रहने के लिए अनुशासन के साथ व्यायाम व खेलकूद आवश्यक हैं। इससे मनुष्य के शरीर में स्वस्थ दिमाग रहता है और व्यक्ति जीवन की दौड़ में कभी पीछे नहीं रहता। मीना शुक्ला खेलों के महत्व को स्वाकारते हुए कहती हैं कि आज खेलों को लेकर समाज की विचारधारा बदली है। कालांतर में बेटियों को मैदानों में जाने से रोका जाता था लेकिन अब ऐसी बात नहीं है। राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर हैण्डबाल, बास्केटबाल तथा कबड्डी में हाथ आजमाने वाली मीना शुक्ला कहती हैं कि खेलों ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। खेलों से लगाव के चलते ही उन्होंने इस क्षेत्र में नई पीढ़ी का मार्गदर्शन करने का दृढ़-संकल्प लिया है।
स्वराज इंडिया पब्लिक स्कूल में बतौर शारीरिक शिक्षक सेवाएं देने वाली मीना शुक्ला ने अब तक सैकड़ों प्रतिभाओं के खेल को नया आयाम दिया है। यहां के छात्र-छात्राएं लगातार अच्छा कर रहे हैं। मीनी कहती हैं कि उन्हें खेलों के क्षेत्र में जिन-जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वह चाहती हैं कि ऐसी दिक्कतें आने वाली पीढ़ी को न देखनी पड़ें। मैं चाहती हूं कि स्वराज इंडिया पब्लिक स्कूल से ऐसे खिलाड़ी निकलें जिनका नाम समूचा देश गर्व और गौरव से ले।