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यूनिवर्सिटी गेम्स के छीने जाएंगे पदक
खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। वेटलिफ्टिंग में डोपिंग का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। खेलो इंडिया यूथ खेलों में चार वेटलिफ्टर डोप में फंसने के बाद अब राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाले दो लिफ्टर डोप में पॉजिटिव पाए गए हैं। कोलकाता में दो से सात फरवरी को हुई इस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाला पुरुष लिफ्टर ऑल इंडिया इंटर रेलवे में भी डोप में पकड़ा गया है। यही नहीं गुवहाटी में हुए खेलो इंडिया यूथ खेलों में डोप में फंसने वाले चार लिफ्टरों में से तीन ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी खेलों में भाग लिया। इनमें से दो ने वहां स्वर्ण और रजत पदक जीते। इंडियन वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने डोपिंग नहीं रुकने का ठीकरा कम सैम्पलिंग पर फोड़ा है। राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग रजत पदक जीतने वाले पुरुष लिफ्टर के दोनों सैम्पलों में टेस्टोस्टोरॉन पाया गया है, जबकि स्वर्ण पदक जीतने वाले पंजाब पुलिस की लिफ्टर के सैम्पल में स्टेरायड ड्रोस्टेनोलॉन पाया गया है। फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल सहदेव यादव का कहना है कि पिछली राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 15 लिफ्टर डोप में पकड़े जाने के बाद उन्होंने फैसला लिया कि किसी भी नेशनल चैम्पियनशिप में खेलने के लिए लिफ्टरों को तीन माह पहले अपना व्हेयर अबाउट (सैम्पलिंग के लिए दिया जाने वाला अपना पता) देना होगा। जिन लिफ्टरों ने अपना व्हेयर अबाउट नहीं दिया उन्हें राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में नहीं खेलने दिया गया। उन्होंने यूथ व सब जूनियर नेशनल से पहले सितम्बर 2019 में नौ सौ लिफ्टरों के और सीनियर नेशनल से पहले नवंबर माह में तकरीबन 16 सौ लिफ्टरों के व्हेयर अबाउट नाडा को दिए। इस दौरान नाडा के साथ बैठक भी की और कहा कि दिए गए व्हेयर अबाउट में से रैंडम सैम्पलिंग कराई जाए, जिससे लिफ्टरों में डर बना रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसका नतीजा नेशनल में डोप पॉजिटिव के रूप में सामने आ रहा है। फेडरेशन का कहना है कि डोप में फंसे लिफ्टरों पर नाडा ने अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन उनकी ओर से खेलो इंडिया यूथ गेम्स में डोप में फंसने वाले दोनों लिफ्टरों के यूनिवर्सिटी गेम्स के स्वर्ण और रजत पदक छीन लिए जाएंगे।