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नई दिल्ली। भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी बी. साइ प्रणीत का मानना है कि खेलों की बहाली तभी हो जब कोरोना वायरस का वैक्सीन बन जाए और इसे विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी से मंजूरी मिल जाए। टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच ने हाल ही में कहा था कि वह कोरोना वायरस के लिए अनिवार्य टीकाकरण के खिलाफ हैं। प्रणीत ने कहा, ''टीकाकरण से मुझे परहेज नहीं है, लेकिन इसका खिलाड़ियों पर प्रतिकूल असर नहीं होना चाहिये यानी इसमें कोई प्रतिबंधित दवा न हो।'' उन्होंने कहा, ''विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) को यह देखना होगा। यदि इसमें कोई शक्तिवर्धक पदार्थ नहीं है तो वे इसे सूची में डाल सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि टीके में शामिल दवा का खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा।'' कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया भर में खेल बंद है और टोक्यो ओलंपिक भी एक साल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के समन्वय आयोग के प्रमुख जान कोट्स ने कहा है कि अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक से पहले वैक्सीन जरूरी नहीं है, लेकिन प्रणीत का मानना है कि इसका वैक्सीन बनने तक खेल बहाल होते नहीं दिखते। उन्होंने कहा, ''बिना वैक्सीन के हालात सामान्य होने पर भी डर बना रहेगा। खिलाड़ियों को काफी यात्रा करनी होती है और हम चीन, कोरिया जैसे देशों में जाने से डरेंगे, जहां कई टूर्नामेंट होते हैं।'' प्रणीत ने कहा, ''हवाई अड्डे पर भी संक्रमण हो सकता है। हमें हर समय मास्क पहनना होगा, सेनिटाइजर्स इस्तेमाल करने होंगे और फ्लाइट में सामाजिक दूरी भी संभव नहीं है। खेलते समय शटल को छूना होगा जिसे कइयों ने छुआ होगा। आप शर्ट नहीं उतार सकते, नैपकिन का इस्तेमाल, चेहरा पोछना सभी में एहतियात बरतनी होगी। वैक्सीन होने पर इतना डर नहीं होगा।''