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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देश भर में लागू हुए लॉकडाउन के बीच भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने मुक्केबाजों की मानसिक फिटनेस के लिए रविवार को विशेषज्ञों के साथ फिटनेस सत्र आयोजित किया। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) और खेल मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन के दौरान एथलीटों को फिट और प्रेरित रखने के प्रयास के बीच बीएफआई ने इस मानसिक फिटनेस सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में पूरे भारत से 374 मुक्केबाज और कोच शामिल हुए।
फोर्टिस राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के निदेशक डॉ. समीर पारिख और खेल मनोविज्ञानी दिव्या जैन ने इस सत्र का संचालन किया और मुक्केबाजों से मैच के दिन की चिंता, कोच की अनुपस्थिति में ट्रेनिंग करना तथा मुश्किल दौर में खुद को संतुलित रखने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने सकारात्मक रहने के बारे में भी बात की।
बीएफआई की इस पहल पर डॉ. पारिख ने कहा, “यह काफी महत्वपूर्ण है कि बीएफआई ऐसे समय मानसिक स्थिरता पर जोर दे रहा है। यह काफी अच्छी पहल है, जिसे लगातार हर स्तर पर कराया जाना चाहिए।” डॉ. पारिख ने कहा, “सामाजिक दूरी के दौरान यह जरुरी है कि मुक्केबाज अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटें। दिनचयार् का पालन होना चाहिए और सोने के साथ ही ट्रेनिंग, खाना और मेडिटेशन भी बेहद जरुरी है। बीएफआई की ई-पाठशाला में कोचों के दिशानिर्देशों का पालन करने से भी आप खुद को फिट और सकारात्मक रख सकते हैं।”
दिव्या ने कहा, “खेलों में सफलता हासिल करने के लिए सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर फिट रहना भी बेहद जरुरी है। एक खिलाड़ी के तौर पर आपको ध्यान केंद्रित रखना पड़ता है, खुद पर विश्वास रखना और सकारात्मक रहना भी जरुरी है। जैसे आप शारीरिक ट्रेनिंग के लिए समय निकालते हैं वैसे ही आपके लिए मानसिक ट्रेनिंग भी जरुरी है।”
कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में खेल गतिविधियां ठप्प होने के बीच बीएफआई ने ओलंपिक के लिए चुने गए मुक्केबाजों सहित सभी आयु वर्ग के मुक्केबाजों के लिए ई-पाठशाला शुरु की है। इसमें शारीरिक कोचिंग सत्र के साथ आज मानसिक फिटनेस सत्र का भी आयोजन किया गया। भारत के रिकॉर्ड नौ मुक्केबाज टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर चुके हैं।