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सोनीपत के बहालगढ़ स्थित भारतीय खेल प्राधिकारण केंद्र में राष्ट्रीय भाला फेंक ओपन चैंपियनशिप के दौरान डोपिंग टेस्ट में धोखाधड़ी के आरोपी एथलीट अमित दहिया पर 4 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है। अमित दहिया पर आरोप है कि जानबूझकर उन्होंने नमूना देने से बचने के लिए किसी और को भेज दिया। इसमें राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अनुशासनात्मक पैनल ने यह सजा सुनाते हुए कहा कि अमित दहिया ने पिछले साल हुई चैम्पियनशिप के दौरान डोप नमूने के लिए अपनी जगह किसी ओर को भेज दिया था। जानकारी के अनुसार सोनीपत में 16 अप्रैल, 2019 को राष्ट्रीय भालाफेंक ओपन चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया था।
प्रतियोगिता में अमित दहिया ने 68.21 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। नाडा के अधिकारियों ने इसके बाद अमित दहिया को डोप नमूने देने को कहा था। उन्होंने नमूना देने के लिए अपनी जगह किसी ओर को भेज दिया। इस संबंध में अमित दहिया पर नाडा ने फैसला लेते हुए 16 जुलाई, 2019 को अस्थाई तौर पर निलंबित किया गया था। इसके बाद अगली कार्रवाई करते हुए नाडा ने अमित के मामले को 9 जनवरी 2020 को एडीडीपी (अनुशासनात्मक पैनल) के पास भेज दिया। इसमें नाडा ने अमित दहिया पर 4 वर्ष का बैन लगा दिया है। दहिया सोनीपत जिले के भटगांव का रहने वाला है, जो पहले सेक्टर-4 में स्थित राजीव गांधी खेल परिसर में अभ्यास के लिए आता था। लेकिन वह अब अपने गांव में ही निजी कोच के पास अभ्यास करता है।