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रतनबाला के दो गोल के दम पर मणिपुर के कांगचुप रोड यंग फिजिकल एंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन (केआरवाईपीएचएसए) एफसी ने केंकरे एफसी को 3-1 से हराकर पहली बार इंडियन वुमेंस लीग के फाइनल में प्रवेश कर लिया। विजेता टीम के लिए रतनबाला ने 18वें और 38वें मिनट में जबकि रोजा देवी ने 63वें मिनट में गोल किया। केंकरे के लिए एकमात्र गोल खेल के 43वें मिनट में ज्योति ने किया। केआरवाईपीएचएसए का खिताब के लिए सामना गोकुलम करेल एफसी और गत चैंपियन सेतु एफसी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। कहीं भी खेल सकती हूं: रतनबाला भारतीय महिला फुटबाल की युवा स्ट्राइकर रतनबाला देवी का मानना है कि स्ट्राइकर के रूप में खेलना उन्हें अच्छा लगता है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कोच की इच्छानुसार वह मिडफील्ड में भी खेल सकती हैं। 19 वर्षीया रतनबाला यहां 2020 एएफसी ओलम्पिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही भारतीय सीनियर टीम में शामिल हैं। उन्हें पिछले साल अप्रैल में पहली बार सीनियर टीम में शामिल किया गया था। मणिपुर की रहने वाली रतनबाला ने कहा, “टीम में जगह पाने के बाद मैं लगभग सभी स्थान पर खेल चुकी हूं। स्ट्राइकर के रूप में खेलना मुझे अच्छा लगता है। लेकिन कोच की इच्छानुसार मैं किसी भी रूप में खेल सकती हूं।” रतनबाला नेपाल के खिलाफ पहले मैच में दूसरे हाफ में सबिस्ट्यूट के रूप में मैदान में उतरी थी, जहां उन्होंने मैच के बीच में भारतीय टीम को मजबूती प्रदान की थी। उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि कोच मेमोल रॉकी ने नेपाल के खिलाफ खेलने के लिए मेरा समर्थन किया। उन्होंने मुझसे मिडफील्ड के रूप में खेलने के लिए कहा। कोच के निर्देशों के अनुसार, मैंने आक्रमण करने के कई प्रयास किए।” फुटबाल जगत में लियोनल मेसी को अपना आदर्श मानने वाली रतनबाला ने भारतीय सीनियर टीम के लिए अब तक चार मैच खेले हैं। रतनबाला ने रविवार को बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले मैच को लेकर कहा, “हमें पिछले मैच से सीखना होगा और बांग्लादेश के खिलाफ अपनी ताकतों पर ध्यान देना होगा। अब हमें पूरे तीन अंक हासिल करने की जरुरत है।”