ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पाकिस्तान के पहले घुड़सवार उस्मान खान ने अपने घोड़े का नाम आजाद कश्मीर रखा है और इसे बदलने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि उनके लिए यह बड़ा मुद्दा नहीं है। कश्मीर के ताजा हालातों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय ओलंपिक अधिकारियों की इस पर नजर है। क्या इस पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है या नहीं इस पर राय ली जा रही है। दरअसल, ओलंपिक में एथलीटों के विरोध दर्ज करने और राजनीतिक भाव भंगिमायें दिखाने पर रोक है।
38 साल के उस्मान फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। उनके मुताबिक, घोड़े का नाम अप्रैल 2019 में रजिस्टर करवाया गया था। उस्मान बोले कि फिलहाल उन्हें प्रायोजक की तलाश है जो उन्हें और घोड़े को टोक्यो ओलंपिक लेकर जा सके। उस्मान ने 2014 और 2018 के एशियाई खेलों में भी क्वालिफाइ किया था। लेकिन फंडिंग की कमी की वजह से वह वहां नहीं जा पाए थे। उस्मान ने कहा कि घोड़े का नाम पहले ‘हीयर टू स्टे’ था जिसे उन्होंने उसे खरीदने के बाद बदल दिया था। उस्मान के मुताबिक, वह अपने सभी घोड़ों का नाम बदलते हैं। इस घोड़े का नाम बदलने में उन्होंने करीब 70 हजार रुपये खर्च किए हैं।