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नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल की 'दुर्गा' के नाम से प्रसिद्ध ओनम बेमबेम देवी पद्मश्री पाने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर और ओवरआल सातवीं फुटबॉलर बन गई हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव कुशल दास ने बेमबेम देवी को पद्मश्री के लिए चुने जाने पर बधाई दी है। पुरुष टीम के कप्तान सुनील छेत्री पद्मश्री हासिल करने वाले अंतिम फुटबॉलर थे, जिन्हें 2019 में इस पुरस्कार से नवाजा गया था।
बेमबेम ने इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर खुशी व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि इससे भारत में महिला फुटबॉल को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह उन सभी के लिए आंखे खोलने वाला है जो मानते हैं कि आप भारत में महिला फुटबॉल खेलते हुए आगे नहीं बढ़ सकते। मैं उम्मीद करती हूं कि इससे सभी लड़कियां और उनके माता-पिता प्रेरित होंगे। यह फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप का साल है। यह पद्मश्री अगली पीढ़ी की लड़कियों के लिए है। बेमबेम से पहले यह पुरस्कार स्वर्गीय गोस्थो पॉल, स्वगीर्य सैलेन मन्ना, चुन्नी गोस्वामी, पीके बनर्जी, बाईचुंग भूटिया और सुनील छेत्री को मिल चुका है।
जब बेमबेम देवी खुद को बोबो और एमको बताती थीं... बेमबेम देवी भारत की मशहूर महिला फुटबॉलर बनने के लिए लड़कों के साथ खेलीं, जिसमें वह एक दिन खुद को 'बोबो' तो दूसरे दिन 'एमको' नाम देती थीं। उन्होंने कहा कि जब मैं 9 साल की थी तो मैंने लड़कों के साथ फुटबॉल खेलने के लिए अपना नाम बदलकर बोबो और एमको रख दिया था। अगर मैं उन्हें बता देती कि मेरा नाम बेमबेम है तो वे समझ जाते कि मैं लड़की हूं और मुझे अपनी टीम में नहीं खिलाते।