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रूस ने विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के उस पर लगाए चार साल के प्रतिबंध को चुनौती दी है। रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी के प्रमुख यूरी गानस ने शुक्रवार कहा कि तय प्रक्रिया के तहत हमने वाडा को दस्तावेज भेजे हैं। इसमें प्रतिबंध से असहमति जताने वाला नोटिस भी है। उन्होंने वाडा को एक पत्र भी भेजा है जिसमें डोपिंग के खिलाफ अपने कड़े रुख को फिर से साफ किया है। रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी लंबे समय से डोपिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का दावा कर रही है।
गानस ने हालांकि कहा,‘वाडा के प्रतिबंध के खिलाफ लड़ना व्यवहारिक रूप से असंभव है। उनका कहना है कि रूस को यह प्रतिबंध मान लेना चाहिए और अपनी गलती सुधारकर सिस्टम में बदलाव लाना चाहिए।’ वैसे गानस का डोपिंग को लेकर रुख हमेशा से सख्त रहा है। इसके चलते उनकी अपनी सरकार से ही पटरी नहीं बैठ रही है।
इसी महीने वाडा ने रूस पर एथलीटों के गलत सैंपल्स भेजने पर प्रतिबंध लगाया था। इससे वह ओलंपिक और 2022 फुटबॉल विश्व कप में हिस्सा नहीं ले पाएगा। रूसी राष्ट्रपति ने वाडा की इस कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने कहा था कि रूस इस प्रतिबंध के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा।
रूस ओलंपिक में प्रतिबंधित होने वाला नौवां देश :
रूस ओलंपिक में प्रतिबंधित होने वाला नौवां देश है। अगर उस पर प्रतिबंध जारी रहता है तो डोपिंग के कारण पहली बार किसी देश का झंडा नहीं दिखेगा। इससे पहले आस्ट्रिया, बुल्गारिया, तुर्की, हंगरी, जापान और जर्मनी पर विश्व युद्ध में हिस्सा लेने के कारण प्रतिबंध लगा था।
दक्षिण अफ्रीका (रंगभेद के कारण) और अफगानिस्तान (महिलाओं पर तालिबानी अत्याचार के कारण) पर भी प्रतिबंध लग चुका है। रूस के खिलाड़ी एथलेटिक्स, रोइंग, वेटलिफ्टिंग और केनोइंग में डोपिंग के कारण 2016 में भाग नहीं ले सके थे। इसके बावजूद रूस ने 19 स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।