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संशोधित स्पोर्ट्स कोड के लागू नहीं होने की सम्भावना
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय की ओर से खेलों और खेल संघों से मंत्रियों, नौकर और अफसरशाहों को दूर करने वाले 2017 के संशोधित स्पोर्ट्स कोड को लागू नहीं करने की संभावना है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और खेल संघों की ओर से जताई गई आपत्तियों के बाद मंत्रालय इस विवादास्पद कोड से दूरी बनाने की तैयारी कर रहा है। हम कह सकते हैं कि भारतीय खेल मंत्रालय खेल संघों के सामने घुटने टेक चुका है।
मंत्रालय की ओर से 2011 में तैयार स्पोर्ट्स कोड को ही लागू करने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। इस पर आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। मंत्रालय अगर अभिनव बिंद्रा की अगुआई वाली कमेटी की ओर से तैयार 2017 के स्पोर्ट्स कोड ड्राफ्ट से तौबा करता है तो आईओए और खेल संघों के बीच चल रहे सारे विवादों के खत्म होने की संभावना है। 2017 के स्पोर्ट्स ड्राफ्ट के चलते आईओए, खेल संघ और मंत्रालय पिछले कुछ समय से आमने-सामने हैं।
इस स्पोर्ट्स कोड ड्राफ्ट में कहा गया है कि खेल संघों पर नेता, नौकर और अफसरशाह काबिज नहीं हो सकते हैं। आईओए का इसी बात पर विरोध है। आईओए का कहना है कि बिना नेताओं और नौकरशाहों को शामिल किए बिना खेलों को इस देश में चलाना काफी मुश्किल है। खेलों के लिए नेता और नौकरशाह ही पैसा जुटाते हैं। मंत्रालय ने भी आईओए और खेल संघों की इस बात को समझा है। यही वजह है कि मंत्रालय की ओर से इस 2017 के स्पोर्ट्स कोड ड्राफ्ट को लागू नहीं किए जाने की संभावना है।