News title should be unique not use -,+,&, '',symbols
सरकार ने हाल ही अकादमी को की पांच करोड़ रुपये की मदद खेलपथ प्रतिनिधि नई दिल्ली। एक सही खिलाड़ी जीवन भर खेल की बेहतरी के बारे में ही सोचता है। ओलम्पिक में देश की पहली महिला पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी भी उन्हीं में से एक हैं। कर्णम मल्लेश्वरी ने यमुनानगर में वेटलिफ्टिंग की अकादमी खोलने के लिए सिडनी ओलम्पिक में जीते गए पदक के बदले मिली राशि को ही दांव पर लगा दिया। इस अकादमी में अब गरीब बच्चों को मुफ्त में ट्रेनिंग दी जा रही है। मल्लेश्वरी ने कहा कि उन्होंने अकादमी की जमीन के लिए सरकार से कई बार मदद मांगी लेकिन नहीं मिली नतीजन उन्हें ओलम्पिक और विश्व चैम्पियनशिप के पदकों के बहले मिले कैश अवॉर्ड को अकादमी के लिए लगाना पड़ा। अब वह अपनी अकादमी में गरीब बच्चों को मुफ्त में ट्रेनिंग दे रही हैं। बीबीसी महिला स्पोर्ट्स अवॉर्ड के मौके पर मल्लेश्वरी ने कहा कि उनकी अकादमी में 55 गरीब बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिनसे वह कोई पैसा नहीं ले रही हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने हाल ही में उनकी अकादमी के लिए पांच करोड़ रुपये की मदद की है। इस राशि से वह खुद से खरीदी गई जमीन पर इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करवा रही हैं। फिलहाल यह अकादमी किराए की जमीन पर चल रही है। मल्लेश्वरी का कहना है कि वेटलिफ्टिंग में उनके प्रदर्शन को दोहराने का दम मीराबाई चानू में है। उन्हें उम्मीद है कि चानू टोक्यो ओलम्पिक में पदक जीत सकती हैं।