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टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष के रिश्तों को लेकर पिछले काफी वक्त से चर्चा चल रही हैं। सौरव गांगुली ने हाल ही में रवि शास्त्री से अपने रिश्तों को लेकर सफाई दी थी। अब कोच रवि शास्त्री ने भी गांगुली से खटपट को सिरे नकार दिया है। कोच शास्त्री ने इन बातों को मीडिया के लिए शानदार चाट और भेलपूरी कहकर खारिज कर दिया है। दोनों के बीच इस विवाद की शुरुआत उस समय बताई जा रही है जब 2016 में रवि शास्त्री ने कोच के लिए आवेदन किया था, लेकिन सीएसी ने अनिल कुंबले नो इस काम के लिए नियुक्त कर दिया था।
इसके बाद 2017 में अनिल कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और रवि शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बन गए। इस दौरान अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच मतभेद सार्वजनिक हो गए थे। रवि शास्त्री ने गांगुली से अपने रिश्ते पर लेकर इंडिया इंडिया टुडे से कहा, ''सौरव गांगुली ने अध्यक्ष पद उस समय संभाला है, जब यह बहुत कठिन समय में है। इसे वापस पटरी पर लाने के लिए उन्हें लोगों का विश्वास चाहिए।''
कोच शास्त्री ने आगे कहा, ''एक क्रिकेटर के रूप में गांगुली ने जो किया, उसके प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। यदि लोगों को लगता है कि मैं उनका सम्मान नहीं करता तो लोगों को भाड़ में जाने दीजिए। जहां तक शास्त्री-गांगुली विवाद की बात है तो यह मीडिया के लिए शानदार चाट और भेलपुरी है।'' इससे पहले जब सौरव गांगुली से पूछा गया था कि क्या वह रवि शास्त्री से अपने पुराने मतभेदों के चलते कोई कारर्वाई करना चाहेंगे। उनका जवाब था, ''यह सब अफवाहें हैं। इसलिए मेरे पास इनका कोई जवाब नहीं है। मामला एकदम सीधा है और परफॉर्मेंस पर आधारित है। यदि आप परफॉर्म करते हैं तो आप जारी रहेंगे अन्यथा आपको जाना होगा। यह सीधा सादा फॉर्मूला है।''
सौरव गांगुली ने यह भी कहा कि कोच की पुनः नियुक्ति की जरूरत नहीं पड़ती, हालांकि एडहॉक पर बनी क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी को हेड कोच नियुक्त करने के लिए बनाया गया था और इथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने इस विवाद पर एक नोटिस भी जारी किया था। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि इससे रवि शास्त्री की नियुक्ति खतरे में पड़ती है। मैं निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकता। हमने तब भी कोच का चयन किया जब यह विवाद चल रहा था।''