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भारतीय बैडमिंटन के उभरते खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने यहां स्काटिश ओपन के पुरुष एकल फाइनल में ब्राजील के यगोर कोएल्हो के खिलाफ रोमांचक जीत के साथ तीन महीने में चौथा खिताब अपने नाम किया। भारत के शीर्ष वरीय लक्ष्य ने रविवार रात हुए फाइनल में ब्राजील के अपने विरोधी को 56 मिनट में 18-21, 21-18, 21-19 से हराया। उत्तराखंड के 18 साल के लक्ष्य का पिछले चार टूर्नामेंट में यह तीसरा खिताब है। उन्होंने इससे पहले सारलोरलक्स ओपन, डच ओपन और बेल्जियम इंटरनेशनल का खिताब जीता था।
आयरिश ओपन के दूसरे दौर में शिकस्त झेलने के बाद लक्ष्य ने यहां शानदार वापसी की। भारतीय खिलाड़ी ने अपने अभियान की शुरुआत आस्ट्रिया के लुका व्रेबर के खिलाफ सीधे गेम में जीत के साथ की और फिर हमवतन किरन जार्ज को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। दुनिया के 41वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य ने छठे वरीय ब्रायन यंग को सीधे गेम में हराया और फिर सेमीफाइनल में फ्रांस के क्रिस्टो पोपोव को शिकस्त दी।
इस जीत से लक्ष्य बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में शीर्ष 40 में जगह बना लेंगे और ग्रेड 2 की शीर्ष प्रतियोगिता में सीधे प्रवेश के करीब होंगे। लक्ष्य से पहले आनंद पवार (2010 और 2012), अरविंद भट (2004) और पुलेला गोपीचंद (1999) स्काटिश ओपन का खिताब जीत चुके हैं। लक्ष्य ने मुकाबले की धीमी शुरुआत की लेकिन इसके बाद 10-8 की बढ़त बनाने में सफल रहे। कोएल्हो हालांकि लगातार छह अंक के साथ 14-10 से आगे हो गए जिसके बाद उन्होंने पहला गेम अपने नाम किया।
लक्ष्य ने दूसरे गेम में शानदार शुरुआत करते हुए 7-0 की बढ़त बनाई लेकिन ब्राजील के खिलाड़ी ने 17-17 पर स्कोर बराबर कर दिया। भारतीय खिलाड़ी हालांकि अगले पांच में से चार अंक जीतकर मुकाबला 1-1 से बराबर करने में सफल रहा। तीसरे और निर्णायक गेम में भी कड़ी टक्कर मिली। ब्रेक के समय कोएल्हो 11-8 से आगे थे लेकिन लक्ष्य ने बराबरी हासिल की और फिर गेम और मैच जीतकर खिताब अपनी झोली में डाला।