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भारतीय गेंदबाजों ने पिछले 10 टेस्ट मैचों में 186 विकेट हासिल किए, जिसमें से 123 विकेट तेज गेंदबाजों के खाते में गए जो पिछले कुछ वर्षों में भारतीय आक्रमण में सीम और स्विंग की बढ़ती ताकत का सबूत है। इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव जैसे तेज गेंदबाजों ने भारत ही नहीं विदेशों में भी अपने कौशल का डंका बजाया है और कप्तान विराट कोहली ने भी उन पर पूरा भरोसा दिखाया है।
पिछले 10 मैचों में तेज गेंदबाजों ने लिए 102 विकेट आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि भारतीय टीम अगर पिछले एक साल में 10 में से आठ मैच जीतने में सफल रही तो उसमें तेज गेंदबाजों का योगदान अहम रहा, जिन्होंने इन मैचों में 102 विकेट हासिल किए। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की अगुवाई में स्पिनरों ने ऐसे मैचों में 54 विकेट लिए। यह तेज गेंदबाजों के बढ़ते दबदबे का ही असर है कि केवल एक गेंदबाज पिछले सभी 10 मैचों में खेला और वह शमी हैं, जिन्होंने इस बीच 18.42 की औसत से 45 विकेट लिए। उनके अलावा बुमराह ने छह मैचों में 34, इशांत ने आठ मैचों में 27 और उमेश ने चार मैचों में 17 विकेट हासिल किए। स्पिनरों में अश्विन (पांच मैच) और जडेजा (आठ मैच) ने 26-26 विकेट चटकाए।
लंबे समय तक भारत में रहा स्पिनरों का दबदबा भारत 1932 से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है और लंबे समय तक उसका आक्रमण स्पिनरों पर निर्भर रहा। भारत ने अब तक 539 मैच खेले हैं, जिनमें गेंदबाजों ने 7760 विकेट लिए जिनमें से तेज या मध्यम गति के 112 गेंदबाजों ने 3260 और 97 स्पिनरों ने 4401 विकेट प्राप्त किए। बाकी 99 विकेट ऐसे गेंदबाजों ने लिए जो स्पिन और मध्यम गति दोनों तरह से गेंदबाजी करते थे, जैसे दत्तू फडकर जिन्होंने अपने करियर में 62 विकेट लिए।
कोहली की कप्तानी में तेज गेंदबाजों ने लिए 911 विकेट इन 539 मैचों में से विराट कोहली 52 मैचों में टीम की कप्तानी कर चुके हैं, जिनमें गेंदबाजों ने 911 विकेट लिए हैं। इसमें तेज गेंदबाजों का योगदान 434 विकेट और स्पिनरों का 477 विकेट है। स्पिनरों ने इनमें से 307 विकेट घरेलू सरजमीं पर खेले गए 25 मैचों में लिए जबकि तेज गेंदबाजों ने ऐसे मैचों में 151 विकेट हासिल किए।
इंदौर में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में तेज गेंदबाजों ने 14 विकेट हासिल किए। यह घरेलू मैदानों पर एक मैच में भारतीय तेज गेंदबाजों का सातवां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। रिकॉर्ड 17 विकेट का है जो उन्होंने 2017 में श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता में बनाया था। इससे पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में तेज गेंदबाजों ने देश और विदेश दोनों जगह अपनी छाप छोड़ी है। पिछले चार वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बीच तेज गेंदबाजों को 408 और स्पिनरों को 418 विकेट मिले।
कुछ ऐसा है स्पिनर vs पेसर कोहली अभी तक 52 मैचों में कप्तानी कर चुके हैं जिनमें से भारत को रिकॉर्ड 32 मैचों में जीत मिली है। इन जीते गए मैचों में स्पिनरों ने अगर 346 विकेट लिए तो तेज गेंदबाज भी 275 विकेट लेकर बहुत पीछे नहीं रहे। कोहली की कप्तानी में भारत ने 19 मैच स्वदेश में जीते हैं।
धौनी लिस्ट में सबसे आगे अगर अन्य भारतीय कप्तानों के कार्यकाल में तेज और स्पिन गेंदबाजों के रिकॉर्ड पर गौर करें तो महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में गेंदबाजों को अब तक सर्वाधिक 936 विकेट मिले। धौनी ने हालांकि 60 मैचों में कप्तानी की जिनमें 466 विकेट तेज गेंदबाजों और 470 विकेट स्पिनरों ने लिए।
भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली के कप्तानी में 49 मैचों में स्पिनरों ने 404 और तेज गेंदबाजों ने 361, मोहम्मद अजहरूद्दीन (47 मैच) की अगुवाई में स्पिनरों ने 379 और तेज गेंदबाजों ने 319, सुनील गावस्कर (47 मैच) के नेतृत्व में स्पिनरों ने 310 और तेज गेंदबाजों ने 304, मंसूर अली खां पटौदी (40) की अगुवाई में स्पिनरों ने 468 और तेज गेंदबाजों ने 109, कपिल देव (34) के नेतृत्व में स्पिनरों ने 228 और तेज गेंदबाजों ने 211, सचिन तेंदुलकर (25) की अगुवाई में स्पिनरों ने 157 और तेज गेंदबाजों ने 182 तथा राहुल द्रविड़ (25) की कप्तानी में स्पिनरों ने 186 और तेज गेंदबाजों ने 211 विकेट लिए थे।