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भारत को मिले टोक्यो पैरालंपिक के तीन कोटे
दोहा। सुंदर सिंह गुर्जर ने कंधे की चोट के बावजूद विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पुरुषों के एफ46 भाला फेंक में अपने खिताब का सफलतापूर्वक बचाव करने के साथ कांस्य पदक विजेता अजीत सिंह और रिंकू के साथ तोक्यो पैरालंपिक खेलों के लिये कोटा भी हासिल किया। गुर्जर ने 61.22 मीटर भाला फेंककर शीर्ष स्थान हासिल किया। यह इस सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। अजीत सिंह ने 59.46 मीटर भाला फेंका और तीसरा स्थान हासिल किया।
रिंकू चौथे स्थान पर रहे। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियमों के अनुसार विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में प्रत्येक स्पर्धा में शीर्ष चार में रहने वाले एथलीटों को तोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों के लिये कोटा स्थान भी मिलेगा। 23 वर्षीय गुर्जर ने यहां न सिर्फ लंदन विश्व चैंपियनशिप 2017 के अपने खिताब का बचाव किया बल्कि वह विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बने। देवेंद्र झाझड़िया ने 2013 लियोन और 2015 दोहा में स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। गुर्जर अपने पांचवें प्रयास तक दूसरे स्थान पर थे लेकिन उन्होंने छठे प्रयास में 61.22 मीटर भाला फेंका और श्रीलंका के दिनेश पी हेराथ को पीछे छोड़ने में कामयाब रहे जिन्होंने अपने पहले प्रयास में 60.59 मीटर भाला फेंका था। भारत ने अब तक इस चैंपियनशिप में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता है।