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भारतीय वायुसेना के दीपक कुमार ने कतर के लुसैल में आयोजित 14वीं एशियाई निशानेबाजी प्रतियोगिता के पहले दिन पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने के साथ भारत को टोक्यो ओलंपिक के लिए 10वां कोटा दिला दिया। दीपक ने इसके साथ ही खुद को अपने 32वें जन्मदिन का शानदार तोहफा भी दे दिया। भारत के लिए 10वां ओलंपिक कोटा जीतने वाले दीपक कुमार संस्कृत के भी ज्ञाता हैं। एशियन गेम्स में देश को सिल्वर मेडल दिलाने वाले दीपक कुमार किसी अंग्रेजी स्कूल में नहीं पढ़े हैं, बल्कि गुरुकुल से शिक्षा हासिल की है। यह अपने आप में दिलचस्प है क्योंकि शायद ही ऐसा कोई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रहा हो, जिसने गुरुकुल से शिक्षा हासिल की हो। दीपक के माता-पिता ने उन्हें देहरादून में गुरुकुल अकादमी भेजा था। वह धाराप्रवाह संस्कृत बोलते हैं और गुरूकुल से मिली शिक्षा का प्रसार करने की कोशिश भी करते हैं। दीपक 2004 से निशानेबाजी कर रहे हैं। दीपक का अपनी शिक्षा के बारे में कहना है, 'हर कोई यह सोचता है कि उसे क्या मिलेगा। मैंने अपने गुरुकुल में सीखा है कि आपको आपका हिस्सा मिल ही जाएगा। दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है। जिंदगी बहुत छोटी है।' उनका कहना है कि मैं जो भी हूं, वो गुरुकुल की वजह से हूं। इसमें मुझे जीवन के असली महत्व का पता चला।'' वहीं, युवा निशानेबाज मनु भाकर ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता जबकि विवान कपूर और मनीषा कीर की जूनियर ट्रैप मिक्स्ड टीम ने भी स्वर्ण जीता। एशियाई खेलों के रजत विजेता दीपक इससे पहले दो अवसरों पर कोटा हासिल करने से चूक गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने पदक और कोटा दोनों जीत लिए। दीपक 227.8 के स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहे। चीन के दो निशानेबाजों ने स्वर्ण और रजत जीते।