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बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि उनके लिये यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि वह ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभालने जा रहे हैं, जब उसकी छवि काफी खराब हुई है। गांगुली ने अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिये अकेले उम्मीदवार हैं। निश्चित तौर पर यह बहुत अच्छा अहसास है क्योंकि मैंने देश के लिये खेला है और कप्तान रहा हूं। गांगुली ने कहा, ‘मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं जब पिछले 3 साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसकी छवि बहुत खराब हुई है। मेरे लिये यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है।’ उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी। उन्होंने कहा, ‘पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा। मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरुस्त करूंगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘यह विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं। भारत क्रिकेट की महाशक्ति है तो यह चुनौती भी बड़ी होगी।’ यह पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ 9 महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है, उन्होंने कहा, ‘हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है।’ मीडिया अधिकार जंग : बीसीसीआई के सामने बड़ी चुनौती मुंबई (एजेंसी) : बीसीसीआई के नये पदाधिकारियों को जल्दी ही आईसीसी के साथ द्वंद्व का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उसके प्रस्तावित भावी दौरों के कार्यक्रम (एफटीपी) का भारतीय क्रिकेट बोर्ड के राजस्व पर विपरीत असर पड़ सकता है। नये प्रस्ताव में टी-20 विश्व कप हर साल और 50 ओवरों का विश्व कप तीन साल में एक बार कराने की पेशकश है। इसके जरिये आईसीसी 2023-2028 की अवधि के लिये वैश्विक मीडिया अधिकार बाजार में प्रवेश करना चाहती है ताकि उसे स्टार स्पोर्ट्स जैसे संभावित प्रसारकों से राजस्व का मोटा हिस्सा मिल सके। सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाले बीसीसीआई के सामने यह बड़ी चुनौती होगी।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए नहीं करूंगा प्रचार
बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा। पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैंने बृजेश का नाम लिया। मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं। गांगुली ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वह भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने ना में जवाब दिया। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर भावुक हुए गांगुली ने कहा, ‘मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज होऊंगा। वह मेरे लिये पितातुल्य थे। क्या यह पारी कप्तानी से उच्च होगी, यह पूछने पर गांगुली ने कहा , ‘भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़ कर कुछ नहीं।’ भारत, बंगाल को गौरवान्वित किया : ममता कोलकाता (एजेंसी) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बधाई दी, जो बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिये सर्वसम्मति से एकमात्र उम्मीदवार हैं। गांगुली को बधाई देते हुए बनर्जी ने कहा कि उन्होंने भारत और पश्चिम बंगाल को गौरवान्वित किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘आपको आपके कार्यकाल के लिये शुभकामनायें। हमें बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के तौर पर भी आपके कार्यकाल पर गर्व रहा है। अगली शानदार पारी के लिये शुभकामनाएं।’
‘एक व्यक्ति एक पद’ के नियम को लकेर गांगुली मुखर मुंबई (एजेंसी) : बीसीसीबाई के भावी अध्यक्ष सौरव गांगूली ने सोमवार को कहा कि ‘हितों का टकराव’ भारतीय क्रिकेट के सामने सबसे बड़े मुद्दों में से एक है क्योंकि इसके विवादास्पद नियम सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों को इस खेल के प्रशासन में आने से रोक रहे हैं। गांगुली खुद भी हितों के टकराव के मुद्दे का सामना कर चुके है। उन पर बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) और आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के मेंटर रहने के कारण दोहरी भूमिका निभाने का आरोप लगा था। वह पहले ही दिल्ली कैपिटल्स से अलग हो चुके हैं जबकि 23 अक्तूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद वह सीएबी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे देंगे। गांगुली ने साफ किया कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ के मौजूदा नियम क्रिकेट के पूर्व दिग्गजों को प्रशासन में आने से रोकेगा क्योंकि उन्हें अपनी आजीविका कमाने की भी जरूरत होगी।