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59वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप
रांची :
होटवार स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में गुरुवार से 59वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप शुरू हुई. चार दिवसीय चैंपियनशिप का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पूर्व एथलीट उड़नपरी पीटी ऊषा ने किया. पहले दिन सुबह सात बजे से इवेंट शुरू हुए और देर शाम छह बजे तक पांच इवेंट के फाइनल हुए. पहले दिन रेलवे के एथलीटों का दबदबा रहा. उनके खाते में पांच में से तीन गोल्ड गये. जैवलिन थ्रो में रेलवे की राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अनु रानी, ट्रिपल जंप में रेलवे की भैरवी रॉय, पोल वॉल्ट में सेना के शिवा एस, महिलाओं की 10000 मीटर दौड़ में रेलवे की सूर्या लोगानाथन और पुरुषों की 10000 मीटर दौड़ में ओएनजीसी के सुरेश कुमार ने गोल्ड जीता.
इससे पहले उद्घाटन समारोह में झारखंड की लोककला की झलक देखने को मिली. स्थानीय कलाकारों ने देशभर से आये एथलीटों और तकनीकी अधिकारियों का पारंपरिक छऊ नृत्य से स्वागत किया. सरायकेला से आये कलाकारों ने छऊ नृत्य की प्रस्तुति दी. इससे पहले चैम्पियनशिप में भाग ले रही प्रतिभागी टीमों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया. वहीं, रामगढ़ से आये सिख रेजीमेंट के जवानों ने बैंड डिस्प्ले किया और 'सारे जहां से अच्छा...' की धुन पर जवानों ने एथलीटों और दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया.
उद्घाटन समारोह के दौरान द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता पद्मश्री बहादुर प्रसाद, प्रतियोगिता निदेशक सोमू दास बंदोपाध्याय, झारखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मधुकांत पाठक, हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह, सुरेश कुमार, एसके पांडेय, एसएम ठाकुर समेत जेएसएसपीएस के कैडेट और दर्शक मौजूद थे.
खिलाड़ियों को हरसंभव मदद : अर्जुन मुंडा
उद्घाटन के मौके पर एथलीटों को संबोधित करते हुए आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वह खिलाड़ियों के लिए हर समय उपलब्ध हैं. जो भी मदद हो सकेगी, हमेशा की जायेगी. उन्होंने कहा कि 2011 में मैं जब मुख्यमंत्री था, तब झारखंड में 34वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन यहां कराया था. राष्ट्रीय खेल से झारखंड को अलग पहचान मिली थी. इससे पहले कई बार खेल टल चुके थे.
जैवलिन थ्रो में अनु रानी ने जीता गोल्ड
रांची में गुरुवार से शुरू हुई 59वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के पहले दिन रेलवे के एथलीटों का दबदबा रहा. चैंपियनशिप के पहले दिन पांच इवेंट्स के फाइनल हुए, जिसमें से तीन गोल्ड मेडल रेलवे के एथलीटों ने हासिल किये. वहीं, दो अन्य गोल्ड ओएनजीसी और सेना के एथलीटों ने जीते. शाम करीब पांच बजे महिलाओं के जैवलिन थ्रो का फाइनल हुआ.
इसमें देश की रिकॉर्डधारी रेलवे की अनू रानी ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया और गोल्ड हासिल किया. अनू ने 58.60 मीटर दूर भाला फेंका. इस इवेंट का सिल्वर रेलवे की कुमारी शर्मिला (53.28 मीटर) ने, जबकि ब्रांज मेडल हरियाणा की पूनम रानी (50.67 मीटर) ने जीता. पुरुषों के पोल वॉल्ट में सेना के शिवा एस ने मीट रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता. उन्होंने 5.10 मीटर ऊंची छलांग लगायी. पिछला रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम था, जो उन्होंने 2018 में भुवनेश्वर में बनाया था. इस इवेंट का सिल्वर सेना के रामबीर सिंह (5.00 मीटर) और ब्रांज रेलवे के बिमिन केपी (4.90 मीटर) ने जीता.
महिलाओं के ट्रिपल जंप में भी रेलवे के एथलीटों का जलवा रहा. पहले स्थान पर रेलवे की भैरवी रॉय रहीं और उन्होंने 13.21 मीटर दूर छलांग लगाकर स्वर्ण पदक हासिल किया. दूसरे स्थान पर रही हरियाणा की रेणु ने 13.20 मीटर के साथ रजत और तीसरे स्थान पर रेलवे की शिवा अनबरसी एमए ने 13.10 मीटर के साथ कांस्य पदक जीता.
पहले दिन 10000 मीटर दौड़ के दोनों वर्गों का फाइनल भी हुआ. पुरुष वर्ग में ओएनजीसी के सुरेश कुमार ने 29:25.56 मिनट के साथ गोल्ड जीता. वहीं रेलवे के रंजीत कुमार पटेल ने 29:41.35 मिनट के साथ सिल्वर और सेना के बुगाथा श्रीनु ने 30:03.50 मिनट के साथ ब्रांज जीता. महिला वर्ग का गोल्ड रेलवे की सूर्या लोगानाथन ने जीता. उन्होंने 34:14.10 मिनट का समय लिया. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र की आरती दत्तात्रेय पाटील ने 34:49.86 मिनट के साथ सिल्वर और तीसरे स्थान पर रेलवे की कविता यादव ने 34:51.44 मिनट के साथ ब्रांज मेडल हासिल किया.
हर इवेंट में प्रेशर होता है : तूर
किसी भी खिलाड़ी के लिए हर इवेंट में प्रेशर होता है. खासकर जब ओलिंपिक के लिए क्वालीफाइंग इवेंट हो, तो प्रेशर और बढ़ जाता है. यह बातें रांची में चल रही 59वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग ले रहे गोला फेंक खिलाड़ी तजिंदर पाल सिंह तूर ने विशेष बातचीत में कही. 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक में उनकी टक्कर कहां के एथलीटों से होगी, इस पर उन्होंने कहा कि अमेरिका के दो और न्यूजीलैंड के एक शॉटपुटर उनके लिए चुनौती पेश कर रहे हैं. 2020 के बाद 2024 में होने वाले ओलिंपिक के बारे में क्या सोचते हैं, इस पर तूर ने कहा कि उनकी निगाहें फिलहाल 2020 तोक्यो ओलिंपिक पर हैं. 2024 ओलिंपिक अभी दूर हैं, यदि इंजुरी नहीं हुई, तो उसके बारे में वह सोचेंगे.