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वाराणसी।
16 अक्टूबर से मैक्सिको में शुरू हो रहे नेशन कप में हिस्सा लेने के लिए 14 अक्टूबर को भारतीय फुटबॉल टीम रवाना होगी। इस टीम में गोलकीपर की भूमिका में काशी के दालमंडी के रहने वाले नसीम अख्तर नजर आएंगे। नसीम ने 14 साल की उम्र में किट के लिए दूसरे की दुकान पर काम भी किया था। एक मैच में हिस्सा लेने के दौरान नसीम के पिता की मौत हो गई थी, लेकिन वे जनाजे में शामिल नहीं हो पाए थे। उनकी टीम ने मैच जीतकर नसीम को पिता को श्रद्धांजलि दी थी।
नसीम ने बताया कि भारत जैसे कई देश हैं, जहां फुटबॉल की लोकप्रियता बहुत है। इन देशों को वर्ल्ड की मजबूत टीम के साथ खेलने का मौका मिलेगा। भारत को डायरेक्ट इंट्री मिली है। भारत का पहला मैच दुनिया की सबसे ताकतवर टीम ब्राजील से होगा। फीफा की गाइड लाइन में इस चैम्पियनशिप को शार्ट फार्म वर्ल्ड कप भी कहा जा रहा है। इसमें फ्रांस, मैक्सिको, कोस्टरिका, पेरू, फ्रांस, जर्मनी जैसी 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं।नसीम अख्तर वर्तमान में कोलकाता इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में कार्यरत हैं। नसीम 25 साल से फुटबॉल खेल रहे हैं। कई नेशनल, इंटरनेशनल, क्लब से मैच खेलने के बावजूद यूपी सरकार ने नौकरी देने से मना कर दिया। डीएलडब्लू ने कहा कि आप फिट नही बैठते। ये स्पोर्ट्स का दुर्भाग्य है। डुरंड कप, एशियन गेम, सार्क गेम, सुपरकप समेत कई बड़े टूर्नामेंट खेल चुका हूं।
उन्होने बताया कि 2006 में पिता की मौत के बाद मिट्टी देने काशी भी नहीं आ पाया। उन दिनों ईस्ट बगान से खेलता था और मोहन बगान से मैच था। 3-1 के अंक से ऐतिहासिक मैच हमारी टीम जीती थी। वहीं पिताजी को श्रद्धांजलि थी।
चार भाई और दो बहनों में नसीम तीसरे नम्बर के हैं। दालमंडी में छोटी सी दुकान है। घर के लोग नहीं चाहते थे कि स्पोर्ट्स में जाऊं। घर से किट के लिए पैसा न लेना पड़े, इसलिए दूसरे के दुकान पर काम किया। मेरी मां नर्गिस बानो ने मुझे हौसला दिया। 14 साल की उम्र में ही टाटा फुटबॉल ऐकेडमी में मेरा सेलेक्शन हो गया। फिर मुड़ कर नहीं देखा। मां के आशीर्वाद से इस मुकाम पर हूँ।
नसीम ने बताया कि साल 1997 में पहली बार अंडर 19 इंडिया टीम में चयन हुआ था। इसके एक साल बाद नेशनल टीम का हिस्सा बन गया। मेहनत की वजह से फिर से मैक्सिको जाने वाली टीम में गोलकीपर हूं। 1998 में श्रीलंका में पहला इंटरनेशनल ब्रोस्टल फ्रीडम कप इंडिया जीती थी। इंडिया वर्सेज जमैका, उज्बेकिस्तान के साथ भी मैच खेल चुका हूं। महिंद्रा यूनाइटेड क्लब, मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब, ईस्ट बंगाल एफसी कोचीन भारत के मशहूर क्लबों के साथ 20 सालों से भी ज्यादा समय से जुड़ा रहा।