वत्स ने कहा, इसके अलावा दिल्ली सरकार ने खिलाड़ियों को 75 लाख रुपये कीमत की किट दी थी। इस तरह सरकार ने बीते दिल्ली ओलम्पिक गेम्स के लिए एक करोड़ 65 लाख रुपये का योगदान दिया था लेकिन इस साल दिल्ली सरकार कोई भी समर्थन या सहयोग के लिए तैयार नहीं। 2016 और 2017 में इन खेलों का आयोजन नहीं हो सका था क्योंकि सरकार ने खेलों से मुंह मोड़ लिया है। हमने इस साल दिल्ली ओलम्पिक गेम्स का आयोजन करने का फैसला किया है और यह हम सिर्फ और सिर्फ अपने बूते कर रहे हैं।
वत्स ने कहा कि इसके अलावा दिल्ली में खेल विश्वविद्यालय बनाने का भी मुद्दा दिल्ली ओलम्पिक संघ ने सरकार के सामने रखा था लेकिन सरकार ने इसे लेकर भी कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया। वत्स ने कहा, दिल्ली ओलम्पिक संघ ने बीते कई सालों में राज्य में खेल विश्वविद्यालय बनाने की मांग की है, लेकिन सरकार ने हमारी एक नहीं सुनी और चुप्पी साधे रखी। इसके अलावा हमने अपने लिए एक दफ्तर की मांग की थी लेकिन सरकार ने अब तक यह मांग भी नहीं मानी है।