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पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एक बार फिर आर अश्विन जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाज के साथ बर्ताव के लिए भारतीय टीम प्रबंधन की आलोचना की है। अश्विन को टेस्ट मैचों में पिछले कई मौकों पर प्लेइंग इलेवन से बाहर रखने के लिए सुनील गावस्कर ने टीम मैनेजमेंट की सोच पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में अश्विन जैसा रिकॉर्ड रखने वाले गेंदबाज को टीम में नहीं रखना उनकी समझ के परे है। गौरतलब है कि वेस्ट इंडीज के खिलाफ हाल में समाप्त हुए टेस्ट सीरीज में आर अश्विन को प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा था और रवींद्र जडेजा को उनपर तरजीह दी गई थी। हालांकि, भारतीय टीम ने इस सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया था।
गौरतलब है कि आर अश्विन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के विशाखापत्तनम में खेले जा रहे पहले मुकाबले में टीम इंडिया प्लेइंग इलेवन में मौका मिला। उन्होंने खुद की उपयोगिता साबित करते हुए 5 विकेट भी चटकाए। गावस्कर ने कहा, 'अश्विन एक विकेट टेकिंग बॉलर है। साथी खिलाड़ियों को अश्विन आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए, जिससे वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। अश्विन को टीम में लगातार बनाए रखे जाना चाहिए। वह अंदर-बाहर होने से कंफर्ट में नहीं है और इसलिए उसे थोड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। उसे यह भी लगना चाहिए कि आस-पास के लोगों का समर्थन मिल रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो खिलाड़ी खुद को अलग-थलग महसूस करता है और उसे संघर्ष करना पड़ता है।'
गावस्कर ने कहा, 'मुझे लगता है वह तुलना करने से भी प्रभावित होता है। जब वह ऑस्ट्रेलिया में खेल रहा था तो उसकी तुलना नाथन लॉयन से होने लगी। वह ऐसा कर रहा है, ऐसा नहीं कर रहा। लेकिन लॉयन भारतीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी कर रहा था। ऐसे ही इंग्लैंड में जब मोइन अली ने 6 या 7 विकेट लिए तो कहा गया अश्विन ने कोई विकेट नहीं लिया। ऐसा होता है। मुझे लगता है क्रिकेट परफॉर्मेंस के अलावा और भी बहुत कुछ ऐसा है जिससे अश्विन खुद को अलग-थलग महसूस कर रहा है। उसके जैसा रिकॉर्ड रखने वाले खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। जिसने टेस्ट क्रिकेट में 350 विकेट के करीब लिए हों उसे टीम से इस तरह बाहर-अंदर नहीं किया जाना चाहिए।'