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छह खेल संगठनों में दो-दो का दावा खेलपथ प्रतिनिधि हमारे देश में खेलों में गिरावट पैसे से अधिक खेल संगठनों की गुटबाजी को भी माना जा सकता है। भारत में छह खेल संघों में आपसी विवाद के कारण खिलाड़ियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आर्चरी, ताइक्वांडो, जिम्नास्टिक, पैरालम्पिक, कबड्डी और गोल्फ के दो गुट हैं। इस कारण खेल मंत्रालय ने इन्हें मान्यता नहीं दी है। नतीजा अगर इन खेलों के नेशनल इवेंट होते हैं तो इनका सर्टिफिकेट मान्य नहीं रहता। इस कारण खिलाड़ियों को स्टेट में मिलने वाले फायदे नहीं मिल पा रहे हैं। इंटरनेशनल इवेंट से पहले स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) इन खेलों का ट्रायल आयोजित कराता है। विवाद के कारण आर्चरी की टीम एशिया कप में नहीं जा सकी थी। नवम्बर में बैंकॉक में होने वाली एशियन चैम्पियनशिप में भी टीम के जाने पर संशय बना हुआ है। देखा जाए तो आर्चरी के खिलाड़ियों ने एक जनवरी 2018 से अब तक वर्ल्ड कप और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं, लेकिन विवाद ने खिलाड़ियों को परेशान कर दिया है। फेडरेशन की लड़ाई का मामला कोर्ट में है। ऐसे में जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता है, तब तक विवाद चलता रहेगा। पिछले दिनों हुए चुनाव में जीतने वाले गुट के सचिव संजीव सचदेवा ने कहा कि भारत सरकार को सभी अधिकारियों को बुलाकर इस मामले का कोई हल निकालना चाहिए। संघ के पास मान्यता नहीं होने सेे नेशनल टूर्नामेंट में अच्छे खिलाड़ी नहीं आते। इससे खिलाड़ियों की तैयारी पर असर पड़ता है। उन्हें इंटरनेशनल टूर्नामेंट से पहले सिर्फ कैंप में तैयारी का मौका मिलता है। कैंप अधिकतम दो हफ्ते का रहता है। वे कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी नहीं उतर पा रहे हैं। कई खेलों में खिलाड़ियों को इवेंट में जाने के लिए खुद खर्च उठाना पड़ता है। नेशनल इवेंट के सर्टिफिकेट मान्य नहीं होने के कारण अगर खिलाड़ी नौकरी के लिए इन्हें लगाता है तो वहां भी उन्हें इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह जिम्नास्टिक फेडरेशन पर भी 2011 से बैन है। पिछले दिनों वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए साई ने ट्रायल रखा था। इसके लिए 14 सितम्बर को पत्र जारी किया गया। खिलाड़ियों को 16 सितम्बर को ट्रायल के लिए बुलाया गया लेकिन ट्रायल के लिए कम समय मिलने के कारण एशियन चैम्पियनशिप में उतर चुके पापिया दास और इंटरनेशनल खिलाड़ी अभिलेख यहां नहीं उतर सके। ताइक्वांडो के खिलाड़ियों का कैंप साई की ओर से नहीं लगाया जा रहा है। खिलाड़ियों को अपने खर्चे पर इंटरनेशनल इवेंट में जाना पड़ रहा है। कबड्डी और गोल्फ भी विवादों के साये में हैं। वहीं पैरालम्पिक एसोसिएशन ने पिछले दिनों अपने अध्यक्ष राव इंद्रजीत सिंह को हटा दिया। इस कारण उनकी मान्यता खत्म कर दी गई है। पैरा बैडमिंटन को बैडमिंटन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अधीन कर दिया गया। आर्चरी: एक गुट के अध्यक्ष बीजेपी सांसद अर्जुन मुंडा, दूसरे गुट के रिटायर्ड आईएएस बीवीपी राव। पैरालम्पिक: एक के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह जबकि अंतरिम अध्यक्ष गुरचरण सिंह। ताइक्वांडो: एक के अध्यक्ष वल्स विवि चेन्नई के चांसलर इके गणेश, एक्टिंग अध्यक्ष डीएन पंगौत्रा। जिम्नास्टिक: अध्यक्ष और सचिव ने अलग-अलग गुट बनाए। कबड्डी और गोल्फ: इन दाेनों खेलों में दो गुट। कबड्डी में दो अलग-अलग लीग हो रही है।