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अमित पंघाल (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) शुक्रवार को जब विश्व पुरूष मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ रिंग में उतरेंगे तो भारत को इस प्रतियोगिता में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद लगी होगी। भारत के दो मुक्केबाज कभी भी सेमीफाइनल तक नहीं पहुंचे थे, इस लिहाज से देखा जाए तो हरियाणा के दोनों मुक्केबाजों ने इतिहास रच ही दिया है। लेकिन अगर दोनों या फिर इनमें से कोई एक भी फाइनल में पहुंच जाता है तो यह भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होगा। भारत ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में आज तक जीते हैं 4 ब्रॉन्ज भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा ने कहा, 'अब कठिन काम शुरू होगा। हमने पहले ही पदक की संख्या में बेहतर कर दिया है और अब उनके रंग को बेहतर करना चाहेंगे।' देश के मुख्य कोच सी ए कुटप्पा ने कहा, 'मैं खुश हूं लेकिन जब तक दोनों फाइनल तक नहीं पहुंच जाते, तब तक पूरी तरह खुश नहीं होऊंगा और वे निश्चित रूप से ऐसा कर लेंगे।' इससे पहले भारत ने विश्व चैम्पियनशिप में चार कांस्य पदक जीते हैं। विजेंदर सिंह ने 2009 में, विकास कृष्ण ने 2011 में, शिव थापा ने 2015 और गौरव बिधुड़ी ने 2017 में कांस्य पदक जीते थे।