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प्रणीत का बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में शानदार सफर समाप्त हो गया और उन्हें शनिवार को एकतरफा सेमीफाइनल में गत चैम्पियन केंटो मोमोटा से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। प्रणीत का आक्रामक खेल फार्म में चल रहे मोमोटा के डिफेंस के सामने नहीं टिक सका और 41 मिनट तक चले मुकाबले में वह जापान के नंबर एक खिलाड़ी से 13-21 8-21 से हार गये। इस हार के बावजूद प्रणीत ने शानदार उपलब्धि अपने नाम की। वह 36 साल में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गये।
प्रकाश पादुकोण ने 1983 चरण में विश्व चैम्पियनशिप के पुरूष एकल में कांस्य पदक हासिल किया था। प्रणीत ने हालांकि अच्छी शुरुआत कर 5-3 की बढ़त बनायी। लेकिन मोमोटा ने ब्रेक तक इसे 11-10 कर दिया। जल्द ही 4 अंक जुटाकर 15-10 से आगे हो गये। प्रणीत ने इसके बाद कई अनफोर्स्ड गलतियां की जिससे मोमोटा ने अंतर 18-12 कर दिया। प्रणीत की गलती से जापानी खिलाड़ी ने पहला गेम अपने नाम किया। दूसरे गेम में दोनों 2-2 की बराबरी पर थे लेकिन भारतीय खिलाड़ी मोमोटा के तेज तर्रार शाट का जवाब नहीं दे सका और 2-9 से पीछे हो गया।