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नई दिल्ली: टीम इंडिया के रिकॉर्ड्स में प्रवीण आमरे के नाम बहुत ज्यादा मैच भले ही न हों लेकिन उनके नाम एक खास रिकॉर्ड है जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाता है. प्रवीण बुधवार को 51 साल के हो रहे हैं. हाल ही में प्रवीण वैसे तो परंपरागत या कलात्मक बल्लेबाज के तौर पर कभी नहीं जाने गए, लेकिन उन्होंने पहले ही दौरे में अपनी बैटिंग से सबको हैरान कर दिया था. प्रवीण को आज क्रिकेट की दुनिया उनके कोचिंग कौशल के लिए अधिक जानती है. उन्होंने हाल ही में टीम इंडिया के लिए बैटिंग कोच के पद के लिए आवेदन किया है.
छोटे से करियर में दक्षिण अफ्रीका का लक प्रवीण कल्याण आमरे का जन्म 14 अगस्त 1968 को मुंबई में हुआ था. उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डरबन में उनके पहले टेस्ट मैच के प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है. आमरे ने भारत के लिए 1991 से 1994 तक 11 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें उन्होंने एक सेंचुरी और तीन हाफ सेंचुरी की मदद से 425 रन बनाए हैं. टेस्ट में आमरे तीन बार नॉट आउट भी रहे. इसके अलावा उन्होंने 37 वनडे मैचों में 513 रन बनाए. जिसमें उनके नाम दो हाफ सेंचुरी है. आमरे ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 10 नवंबर 1991 को कोलकाता में कैरियर का पहला वनडे खेला था. अपने पहले ही मैच में उन्होंने शानदार अर्धशतक जमाया. उस मैच में आमरे ने 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से 55 गेंदों में 74 रन बनाया था.
क्या हुआ था उस टेस्ट में 1992 में टीम इंडिया ने का दक्षिण अफ्रीका के लिए पहला दौरा किया था यह प्रवीण आमरे के करियर का भी पहला मैच था. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए डरबन के किंग्समीड मैदान पर हुए पहले मैच में प्रवीण आमरे ने 103 रन बना कर पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले नौवें भारतीय खिलाड़ी बने और मैन ऑफ द मैच भी. यह किसी भी भारतीय का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट शतक था. आमरे अपने इस पहले टेस्ट में 'मैन ऑफ द मैच' भी रहे थे. सचिन के गुरुभाई हैं प्रवीण आमरे सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त और गुरूभाई हैं. दोनों ही रमाकांत आचरेकर के शिष्य हैं. उन्होंने कोच के रूप में मुंबई को रणजी चैंपियन बनाया था. आमरे फिलहाल यूएसए क्रिकेट के बैटिंग सलाहकार हैं. वे टीम इंडिया के लिए बैटिंग कोच के पद के के दावेदार हैं. प्रवीण ऑस्ट्रेलिया में हुए 2012 में अंडर19 वर्ल्डकप जीतने वाली टीम इंडिया के भी कोच रह चुके हैं. जब सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का पहला शतक लगाया था तब उन्हें आमरे ने एक जोड़ी जूते तोहफे में दिए थे. दोनों मुंबई के श्रद्धाश्रम विद्या मंदिर स्कूल से पढ़े हैं.