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दिल्ली सरकार चाहेगी कि यह पुस्तक हर स्कूल-कालेज में पढ़ी जाए
नई दिल्ली। आज बेटियां हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही हैं। हर सरकार बेटियों के प्रोत्साहन की दिशा में कुछ न कुछ बेहतर कर रही है लेकिन खिलाड़ी बेटियों पर एक सम्पूर्ण पुस्तक का प्रकाशन बहुत बड़ी बात है। दिल्ली सरकार वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय खेल समीक्षक श्रीप्रकाश शुक्ल को बधाई देते हुए कोशिश करेगी कि यह पुस्तक दिल्ली के हर स्कूल-कालेज में पढ़ी जाए उक्त सारगर्भित उद्गार दिल्ली विधान सभाध्यक्ष राम निवास गोयल ने भारतीय खिलाड़ी बेटियां पुस्तक के विमोचन अवसर पर व्यक्त किए।
दिल्ली विधान सभा में पुस्तक के विमोचन अवसर पर उप सभापति राखी बिड़ला ने कहा कि मैंने बहुत सारी पुस्तकें पढ़ी हैं लेकिन खेलों पर वह भी बेटियों पर ऐसी पुस्तक कभी नहीं पढ़ी। इस अवसर पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, गृह और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन, परिवहन व राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत, श्रम मंत्री गोपाल राय, पूर्व कानून मंत्री व विधायक सोमनाथ भारती, पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज, विधायकगण सरदार अवतार सिंह कालकाजी, प्रूमिला टोकस, नरेश यादव, मदनलाल, दक्षिण दिल्ली लोकसभा अध्यक्ष अवध बिहारी शुक्ला आदि ने खिलाड़ी बेटियां पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार श्री शुक्लजी से अपेक्षा करती है कि वह एक पुस्तक दिल्ली की खिलाड़ी बेटियों पर भी लिखें। इस अवसर पर लेखक श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि खेल ऐसा क्षेत्र है जहां हमारी सर्वाधिक बेटियां दुनिया भर में अपनी अदम्य इच्छाशक्ति का नायाब उदाहरण पेश कर रही हैं। मैंने भारतीय खिलाड़ी बेटियां पुस्तक इसी उद्देश्य से लिखी है ताकि भ्रूण हत्या के लिए बदनाम हमारा समाज पढ़े और जाने कि खेल शारीरिक दमखम के लिए ही नहीं बल्कि करियर के लिए भी बहुत जरूरी है। इस पुस्तक में मैंने उन 53 खिलाड़ी बेटियों को जगह दी है जिन्होंने तरह-तरह की परेशानियों के बावजूद खेलों में अपने परिवार, समाज और देश को गौरवान्वित किया है।
बेटियों को लेकर हमारे समाज की सोच और परिस्थितियां बदल रही हैं, यही वजह है कि वह आज मैदानों ही नहीं नील गगन में भी स्वच्छंद उड़ान भर रही हैं। भारतीय खिलाड़ी बेटियां पुस्तक में मैंने उड़न परी पी.टी. ऊषा, एम.सी. मैरीकाम, ज्योतिर्मयी सिकदर, अविनाश कौर, कर्णम मल्लेश्वरी, बुला चौधरी, सबा अंजुम, कृष्णा पूनिया, शाइनी विल्सन, अंजू बाबी जार्ज, कुंजारानी, अलका तोमर जैसी आदर्श महिला खिलाड़ियों को ही नहीं इस दौर की नायाब प्रतिभाओं साक्षी मलिक, गीता फोगाट, विनेश फोगाट, दुती चंद, साइना नेहवाल, पी.वी. सिन्धु, मुस्कान, पूनम यादव, स्वप्ना बर्मन, दीपा करमाकर, सानिया मिर्जा, हिमा दास, मानसी जोशी, मनिका बत्रा, मनु भाकर, निखत जरीन, मीरा बाई चानू आदि खेल तारिकाओं पर भी शिद्दत से कलम चलाई है। मैं दिल्ली सरकार का दिल से आभारी हूं। अति व्यस्तता के बावजूद मैं दिल्ली की खिलाड़ी बेटियों पर अवश्य लिखूंगा।