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हरेंद्र सिंह फिर से जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कोच बनना चाहते हैं लेकिन वह नियम और शर्तों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं। हरेंद्र के कोच रहते ही भारत ने 2016 में स्वदेश में जूनियर विश्व कप का खिताब जीता था। उन्होंने कहा कि वह अब भी यह पद संभाल सकते हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि वही शर्तें उन पर भी लागू हों जो विदेशी कोचों को पेशकश की जाती हैं।
हरेंद्र ने पीटीआई से कहा, ''मैंने काफी पहले इस पद के लिए आवेदन किया था। मैंने अब भी यह पद संभालने का विकल्प खुला रखा है लेकिन मेरी शर्तें पहले जैसी ही हैं। मैं चाहता हूं कि मेरे लिए नियम और शर्तें विदेशी कोचों जैसी ही हों, चाहे वह वेतन हो या अन्य सुविधाएं। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।''
उन्होंने सवाल किया, ''हमें विदेशी कोचों के समान सुविधाएं क्यों नहीं मिल सकती?'' हरेंद्र सीनियर राष्ट्रीय टीम के कोच भी थे, लेकिन पिछले साल विश्व कप के निराशाजनक अभियान के बाद हॉकी इंडिया ने उन्हें पद से हटा दिया था। राष्ट्रीय महासंघ ने इसके बाद हरेंद्र को फिर से जूनियर टीम के साथ पुरानी भूमिका में रखने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन इसमें हरेंद्र की विदेशी कोचों जैसी सुविधाएं देने की मांग रोड़ा बन गई।
हॉकी इंडिया की वेबसाइट पर दिए गए विज्ञापन के अनुसार इस पद के लिए कार्यकाल 2021 में होने वाले जूनियर विश्व कप तक रखा गया है। यह पद पिछले साल जूड फेलिक्स को हटाए जाने के बाद खाली पड़ा है। इस पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पांच जुलाई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर पहले 25 जुलाई और बाद में 16 अगस्त कर दिया गया।