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सरकार की उदासीनता से नाखुश हैं खिलाड़ी रतलामः भारत का पारम्परिक खेल मलखम्भ अब विदेशों में भी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। रतलाम के मलखम्ब खिलाड़ी देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में पहले भी मलखम्ब का प्रदर्शन कर चुके हैं और अब दुबई में आयोजित अराउंड द वर्ल्ड कल्चरल प्रोग्राम में भारत का डंका बजाएंगे। बता दें कि मलखम्ब हिन्दुस्तान का पारम्परिक खेल है। बीते समय में इस खेल में रुचि कम होने से यह विलुप्त होता जा रहा था, लेकिन रतलाम के मलखम्ब हुनरबाज़ों ने एक बार फिर इस भारतीय परम्परा को एक नई ऊंचाई दी है और न सिर्फ देश में मलखम्ब खेल से अपना नाम रोशन किया बल्कि विदेशों में भी मलखम्ब का डंका बजाया है। रतलाम के खिलाड़ी जितेंद्र सिंह राणावत व अमन सिंह सिसोदिया का भारत की ओर से दुबई में आयोजित कल्चरल प्रोग्राम में मलखम्ब के लिए चयन हुआ है। दुबई में दो से नौ अगस्त तक यह आयोजन चलेगा। रतलाम के मलखम्ब खिलाड़ियों जितेंद्र व अमन का चयन अहमदाबाद की रंगसागर संस्था द्वारा हुआ है, शुक्रवार को यह दोनों अहमदाबाद के लिए रवाना होंगे, जहां से हवाई यात्रा कर दुबई पहुंचेंगे। दुबई में आयोजित प्रोग्राम में अलग अलग कई देशों के कल्चर का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें भारत के जितेंद्र व अमन मलखम्ब का प्रदर्शन कर भारतीय प्राचीन पारम्परिक खेल से पूरे विश्व को रूबरू करवाएंगे। विपरीत परिस्थितियों व बगैर संसाधनों के रतलाम के मलखम्ब खिलाड़ियों ने भारतीय प्राचीन मलखम्ब खेल को बढ़ावा देने के लिए और इसे आगे बढ़ाने के लिए नए बच्चों को मलखम्ब के लिए प्रेरित कर इस कला को सिखाने का काम कर रहे हैं। रतलाम के मलखम्ब खिलाड़ी जितेंद्र राणावत ने न सिर्फ रिकॉर्ड बनाये बल्कि अलग अलग कई टीवी कार्यक्रमों में भी अपने अच्छे प्रदर्शन को लेकर चयनित हुए। रतलाम के अंतरराष्ट्रीय मलखम्ब खिलाड़ी इस खेल के प्रति सरकार की उदासीनता से नाखुश हैं। खिलाड़ियों की मांग है कि प्रदेश सरकार मलखम्ब खिलाड़ियों को मदद करे, लेकिन विदेशों तक मलखम्ब से भारत का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को अभी तक सरकार से प्रोत्साहन नहीं मिला है। मलखम्ब खिलाड़ी बगैर गद्दों के मलखम्ब पर प्रशिक्षण करते हैं ऐसे में ज्यादा चोटिल होने की आशंका बनी रहती है। रतलाम खेल विभाग इन मलखम्ब खिलाड़ियों के उत्साह से खुश है और इनकी सराहना भी कर रहा है लेकिन मलखम्ब के खिलाड़ियों को सुविधा मुहैया करवाने के सिर्फ दावे ही किये जा रहे हैं। खेल विभाग का कहना है कि मलखम्ब को जल्द ही सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। देखो यह पुनीत काम कब होता है।